हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके पुत्र डॉ. अजय सिंह चौटाला की पेंशन बरकरार रहेगी। चौटाला पिता-पुत्र न तो जन प्रतिनिधि एक्ट के उल्लंघन के आरोपी हैं और न ही दलबदल कानून में दोषी हैं। इसलिए उनकी पेंशन नहीं रोकी जा सकती। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देश पर विधानसभा के
सचिव आरके नांदल ने चौटाला पिता-पुत्रों की पेंशन बरकरार रखने का अहम फैसला सुनाया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला 2.15 लाख और अजय सिंह करीब 51 हजार रुपये मासिक पेंशन हासिल कर रहे हैं। पेंशन को चुनौती देने वाले एडवोकेट एचसी अरोड़ा और चौटाला के वकील नरेश एस. शेखावत की दलीलें सुनने के बाद विधानसभा सचिव ने यह फैसला सुनाया है।
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सचिव आरके नांदल ने चौटाला पिता-पुत्रों की पेंशन बरकरार रखने का अहम फैसला सुनाया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला 2.15 लाख और अजय सिंह करीब 51 हजार रुपये मासिक पेंशन हासिल कर रहे हैं। पेंशन को चुनौती देने वाले एडवोकेट एचसी अरोड़ा और चौटाला के वकील नरेश एस. शेखावत की दलीलें सुनने के बाद विधानसभा सचिव ने यह फैसला सुनाया है।
- विधायक वेतन-भत्ते एवं पेंशन एक्ट की धारा 7 (1-ए) के तहत पेंशन के हकदार
- दोनों पूर्व विधायकों की सदस्यता न तो कभी दलबदल कानून के तहत रद की गई और न इन्हें कभी जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया।
- जेबीटी मामले में दोनों को दस साल की सजा से पेंशन पर कोई असर नहीं।
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साभार: जागरण समाचार
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