फतेहाबाद जिले के गांव सरदारेवाला के मिडिल स्कूल में 100 बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षक है, वो भी डेपुटेशन पर। अकेले शिक्षक के लिए पढ़ाने से भी बड़ी चुनौती थी छात्रों को संभालना। ऐसे में गांव के युवा सरपंच जीवन सिंह तीन महीने से खुद तीन घंटे क्लास ले रहे हैं। उनकी जेबीटी पास
बहन सोनी रानी और 12वीं पास दो दोस्त विक्रम बलविंद्र भी रोज 3-3 घंटे पढ़ा रहे हैं। दिलचस्प है कि दसवीं पास सरपंच खुद भी ओपन बोर्ड से बारहवीं की पढ़ाई कर रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सरपंच बताते हैं कि गांव में वर्ष 1953 से प्राइमरी स्कूल है। 2011 में इसे मिडिल तक अपग्रेड किया गया लेकिन स्कूल में एक भी स्थाई अध्यापक नहीं है। गांव खाई के अध्यापक राज सिंह को यहां डेपुटेशन पर हैं। स्कूल में मुख्याध्यापक, साइंस, हिंदी, ड्राइंग, पंजाबी पीटीआई के पद खाली हैं। ग्रामीण कई बार स्टाफ की मांग को लेकर अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हुआ। शिक्षक होने से कई बच्चों ने स्कूल आना ही छोड़ दिया था। इसी वजह से सरपंच ने खुद पढ़ाने की ठानी।
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साभार: भास्कर समाचार
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