पिछली कांग्रेस सरकार ने करीब 150 स्कूलों को मिडिल और हाई स्कूल से सीनियर सैकंडरी में अपग्रेड तो कर दिया, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी इन स्कूलों को प्रिंसिपल, डीपीई और पीटीआई जैसी करीब 2300 पोस्टें आज तक नहीं मिल पाई हैं। नई पोस्टें क्रिएट करने का मामला पिछले काफी समय से वित्त विभाग में लंबित
चल रहा है। कार्य व्यवस्था के तहत इन स्कूलों में इधर-उधर से भेजे गए शिक्षकों के सामने अब नई प्रॉब्लम खड़ी हो गई है। दरअसल, इन दिनों शिक्षा विभाग शिक्षकों के ऑनलाइन ट्रांसफर कर रहा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके लिए सभी शिक्षकों से ऑनलाइन पोर्टल पर एमआईएस भरवाया जा रहा है। अब इन्हें एमआईएस भरने पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शिक्षकों के अनुसार पिछली सरकार के समय अपग्रेड किए गए स्कूलों में प्रिंसिपल, डीपीई और कुछ अन्य शिक्षक दूसरे स्कूलों से भेज दिए गए थे। वे तभी से वहां काम भी कर रहे हैं। लेकिन वित्त विभाग से उनकी पोस्टें उन स्कूलों में स्वीकृत ही नहीं हुई हैं। कुछ टीचर ऐसे भी हैं जो पढ़ा तो दूसरे स्कूलों में रहे हैं, लेकिन वेतन वे अन्य स्कूल से ले रहे हैं। तकनीकी रूप कंप्यूटर एमआईएस के लिए टीचर का डाटा वहीं से लेता है जहां उसकी पोस्ट स्वीकृत है। टीचर यह भी नहीं समझ पा रहे हैं कि वे अपना ठहराव पुराने स्कूल में मानें या जहां पढ़ा रहे हैं वहां मानें। डीपीई और पीटीआई की नई पोस्टें क्रिएट करने के लिए पिछले दिनों हरियाणा शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ की ओर से ज्ञापन भी दिए गए हैं।
जहां पढ़ा रहे हैं शिक्षक वहीं से भर सकते हैं एमआईएस: शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पी.के. दास का इस बारे में कहना है कि पिछली सरकार के समय करीब 150 स्कूल अपग्रेड हुए थे। प्रिंसिपल समेत करीब 2300 पोस्ट क्रिएट करने का मामला पेडिंग चल रहा था। इस बारे में वित्त विभाग ने कुछ सूचनाएं मांगी थीं। ये सूचनाएं वित्त विभाग को उपलब्ध करवा दी गई हैं। वहां से जल्दी ही इन पोस्टों की स्वीकृति मिल जाएगी। वैसे भी इन दिनों रैशनलाइजेशन किया जा रहा है। इसके तहत जिस स्कूल में नोर्मस के हिसाब से जितने टीचरों की जरूरत होगी, वहां उतने टीचर लगाए जा रहे हैं। इस दौरान नई पोस्टें भी क्रिएट की जा रही हैं। जहां तक पोर्टल पर एमआईएस भरने की बात है तो ऐसे शिक्षक फिलहाल जहां पढ़ा रहे हैं, वे वहीं से अपना एमआईएस भर सकते हैं।
विभाग के पास 27 हजार पोस्टें
शिक्षाविभाग के अनुसार प्रदेश में इस समय पीजीटी टीचरों की काफी कमी है। दरअसल तय मापदंडों के अनुसार 35500 पीजीटी टीचरों की जरूरत है। जबकि विभाग के पास अभी 27000 पोस्टें हैं। इनमें भी केवल 18000 पीजीटी टीचर ही उपलब्ध हैं। इस कमी को दूर करने के लिए जल्दी ही भर्ती प्रक्रिया का कैलेंडर तैयार किया जा रहा है।
विभाग के पास 27 हजार पोस्टें
शिक्षाविभाग के अनुसार प्रदेश में इस समय पीजीटी टीचरों की काफी कमी है। दरअसल तय मापदंडों के अनुसार 35500 पीजीटी टीचरों की जरूरत है। जबकि विभाग के पास अभी 27000 पोस्टें हैं। इनमें भी केवल 18000 पीजीटी टीचर ही उपलब्ध हैं। इस कमी को दूर करने के लिए जल्दी ही भर्ती प्रक्रिया का कैलेंडर तैयार किया जा रहा है।
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साभार: भास्कर समाचार
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