काले धन की समस्या पर लगाम लगाने के लिए सरकार तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। काले धन पर बनी एसआइटी की इस सिफारिश के लागू होने के बाद नकदी में होने वाले लेनदेन को रोका जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद काले धन पर बनी एसआइटी का
कहना था कि अगर अर्थव्यवस्था में काले धन के सृजन को सीमित करना है तो निजी तौर पर तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन को प्रतिबंधित कर देना चाहिए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। साथ ही समिति ने निजी और कॉरपोरेट स्तर पर नकदी रखने की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये करने का भी सुझाव दिया था। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की चेयरपर्सन रानी सिंह नायर ने एक कार्यक्रम के दौरान बातचीत में बताया कि उनका विभाग इस सिफारिश को लागू करने को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग पहले ही नकद सौदों पर एक फीसद टीसीएस और पैन नंबर का उल्लेख अनिवार्य कर चुका है। ये सभी सुझाव काले धन को रोकने के संबंध में एसआइटी के सुझावों का हिस्सा हैं। जस्टिस एमबी शाह की अध्यक्षता में बनी इस समिति ने पिछले महीने ही अपनी पांचवी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि देश के भीतर बड़ी मात्र में ऐसी नकदी जमा है जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.