Monday, August 29, 2016

आर्कियोलॉजी: एक कैरियर: हर स्ट्रीम के विद्यार्थी ले सकते हैं प्रवेश

ऐतिहासिक सभ्यताओं के बारे में शोध करना या जानकारी इकट्‌ठा करना आर्कियोलॉजी कहलाता है। इसमें पुरानी सभ्यताओं के शासन, सामाजिक और राजनीतिक ढांचे, आर्थिक संस्थाआें, धार्मिक मान्यताओं और उस समय के माहौल की जानकारी और इसकी स्टडी करना शामिल है। पुरानी सभ्यताओं की साइंटिफिक और
सिस्टमैटिक स्टडी पुरातन तत्वों की रिकवरी, एनालिसिस और डॉक्युमेंटशन के जरिए की जाती है। ये ऑर्कियोलॉजिकल खोजें पुरातन इमारतों के संरक्षण में अहम भूमिका निभाती हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। यह कॅरिअर उन लाेगों के लिए है, जो इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं और उनके बारे में शोध करना चाहते हैं। भारत में ऐतिहासिक वस्तुओं के संरक्षण के प्रयासों की शुरुआत 1862 में अलेग्जेंडर कनिंघम द्वारा की गई थी। इसमें जियोग्राफी, हिस्ट्री, एंथ्रोपोलॉजी, केमिस्ट्री, जियोलॉजी, आर्ट्स और लिट्रेचर जैसे विषयों की जानकारी भी शामिल है। 

आर्कियोलॉजिस्ट ऐतिहासिक जगहों को खोजने, उत्खनन और उसके बारे में शोध करने का कार्य करते हैं। उनके द्वारा खोजे गए तथ्य वर्तमान और भविष्य के बारे में जानकारी के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। मॉडर्न आर्कियोलॉजिस्ट द्वारा टेक्नोलॉजी की मदद से रिसर्च को काफी हद तक एक्युरेट हो गई हैं। इसकी ब्रांचेज में न्युमिस्मैटिक्स, एपिग्राफी, आर्काइव्स और म्युजियोलॉजी भी शामिल हैं। 
  • इंस्टीट्यूट ऑफ आर्कियोलॉजी, आर्कियोलाॅजिकल सर्वे ऑफ इंडियाhttp://asi.nic.in/asi_training.asp 
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी: http://www.bhu.ac.in 
  • दिल्ली इंस्टीट्यट ऑफ हैरिटेज रिसर्च एंड मैनेजमेंट: http://dihrm.delhigovt.nic.in

इस क्षेत्र में एनशिएंट हिस्ट्री और कल्चर का बैकग्राउंड रखने वाले छात्रों को वरीयता दी जाती है। किसी भी स्ट्रीम से 12वीं करने वाले छात्र आर्कियोलॉजी के बैचलर कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। जिन छात्रों ने साइंस या आर्ट्स में बैचलर डिग्री कोर्स किया है, वे अार्कियोलॉजी के मास्टर डिग्री कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। 12वीं के बाद छात्र आर्कियोलॉजी के डिप्लोमा कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा बैचलर डिग्री करने वाले छात्र पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं। बेहतर कॅरिअर के लिए छात्र पीजी के बाद पीएचडी भी कर सकते हैं। इंस्टीट्यट ऑफ आर्कियोलॉजी में प्रवेश एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर मिलता है। 
आर्कियोलॉजी का कोर्स करने वाले छात्र सरकारी और प्राइवेट सेक्टर दोनों में जॉब कर सकते हैं। छात्र म्यूजियम, आर्ट गैलरी, आर्काइव्स, टीचिंग, रिसर्च ऑर्गनाइजेशन और ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक संस्थानों में कार्य कर सकते हैं। 
आर्कियोलॉजी के कोर्स में विभिन्न प्रकार की रिसर्च और सभ्यताओं के बारे में जानकारी शामिल होती है। इसमें छात्रों को एेतिहासिक वस्तुओं को हैंडल करना, पुरातन अवशेषों की खुदाई और उसके बारे में अध्ययन करने जैसी चीजें सिखाई जाती हैं। 
आर्कियोलॉजी इतिहास में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए बेहतर विकल्प है, हालांकि किसी भी स्ट्रीम के छात्र इसमें एंट्री ले सकते हैं। 

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.