हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को सरकार ने नौ विधयेक पेश किए। ये सभी बिल मामूली चर्चा के बाद ध्वनिमत से पास हो गए। इन बिलों में दो नए विश्वविद्यालयों के साथ कई अहम बिल शामिल हैं। महाधिवक्ता कार्यालय में नियुक्त किए जाने वाले विधि अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर कमेटी बनाने का
फैसला सरकार ने लिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पिछले दिनों पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा विधि अधिकारियों पर सवाल भी उठाए जा चुके हैं। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने विधि अधिकारियों की नियुक्ति के लिए नियम एवं शतेर्ं तय की हैं। मुख्यमंत्री की ओर से संसदीय कार्यमंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा द्वारा पेश किए गए इस बिल को चर्चा के बाद पास कर दिया गया।
हरियाणा सेवा का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2016 और प्राइवेट यूनिवर्सिटी से संबंधित संशोधन बिल को पास किया गया है। इस बिल पर कांग्रेस के डा. रघुबीर सिंह कादियान ने कहा कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी में वीसी की नियुक्ति संबंधी ट्रस्ट के चेयरमैन द्वारा की जाती है। इसमें सरकार का दखल होना चाहिए। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने जब कहा कि संशोधन केवल कुलपति की उम्र को लेकर किया गया है तो किरण चौधरी ने कहा कि जब बदलाव हो ही रहे हैं तो और भी बेहतर होने चाहिएं। बिल पास होने के बाद अब प्राइवेट यूनिवर्सिटी में कुलपति 70 वर्ष की आयु पूरी होने तक तीन वर्ष की अवधि के बाद दोबारा से नियुक्त हो सकेंगे। विधानसभा में न्यायालय शुल्क (हरियाणा संशोधन) विधेयक-2016 को भी मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य न्याय वितरण प्रणाली को कागज रहित और परेशानी मुक्त बनाने के लिए कोर्ट फीस के लिए ई-स्टांप की प्रणाली शुरू करना है। हरियाणा विनियोग (संख्या-3) विधेयक, 2016 को भी मानसून सत्र में पास कर दिया गया।
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हरियाणा सेवा का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2016 और प्राइवेट यूनिवर्सिटी से संबंधित संशोधन बिल को पास किया गया है। इस बिल पर कांग्रेस के डा. रघुबीर सिंह कादियान ने कहा कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी में वीसी की नियुक्ति संबंधी ट्रस्ट के चेयरमैन द्वारा की जाती है। इसमें सरकार का दखल होना चाहिए। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने जब कहा कि संशोधन केवल कुलपति की उम्र को लेकर किया गया है तो किरण चौधरी ने कहा कि जब बदलाव हो ही रहे हैं तो और भी बेहतर होने चाहिएं। बिल पास होने के बाद अब प्राइवेट यूनिवर्सिटी में कुलपति 70 वर्ष की आयु पूरी होने तक तीन वर्ष की अवधि के बाद दोबारा से नियुक्त हो सकेंगे। विधानसभा में न्यायालय शुल्क (हरियाणा संशोधन) विधेयक-2016 को भी मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य न्याय वितरण प्रणाली को कागज रहित और परेशानी मुक्त बनाने के लिए कोर्ट फीस के लिए ई-स्टांप की प्रणाली शुरू करना है। हरियाणा विनियोग (संख्या-3) विधेयक, 2016 को भी मानसून सत्र में पास कर दिया गया।
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साभार: जागरण समाचार
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