हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के निर्देश पर बनाई गई कमेटी कर्मचारियों से इस बारे में रायशुमारी कर रही। कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन सर्व कर्मचारी संघ ने 24 हजार रुपये न्यूनतम वेतनमान करने और राज्य की
प्रति व्यक्ति आय को देखते हुए कर्मचारियांे को 30 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ सिफारिशंे लागू करने की मांग की है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। संघ के प्रदेशाध्यक्ष धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा की ओर से कमेटी को करीब दो दर्जन सुझाव भेजे गए हैं। उन्होंने केंद्रीय वेतन आयेाग द्वारा प्रस्तावित 2.57 गुणांक फैक्टर को बढ़ाकर 3.35 करने, यह सिफारिशंे लागू करने से पहले पंजाब के समान वेतन देने और सभी विभागांे के कर्मचारियांे की वेतन विसंगतियां दूर करने की मांग की है। संघ ने सेवानिवृत्त कर्मचारियांे को भी पंजाब व केंद्र के समान पेंशन भत्तों बढ़ोतरी देने और वन रैंक-वन पेंशन देने, भविष्य में वेतन पुनर्निरीक्षण 10 वर्ष की बजाय 5 वर्ष में करने का सुझाव कमेटी को दिया है। संघ ने विभिन्न विभागांे में खाली पदांे पर भर्ती व विभागांे का जन आवश्यकता अनुसार विस्तार, पद सृजन व नियमित भर्ती पर भी जोर दिया है। संघ के वरिष्ठ उपप्रधान नरेश कुमार शास्त्री, मुख्य संगठनकर्ता वीरेंद्र सिंह डंगवाल, उपमहासचिव जीवन सिंह व प्रेस प्रवक्ता इंदर सिंह बधाना ने जनवरी 2006 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियांे को पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में लाने, वार्षिक वेतन वृद्धि की दर 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत करने, अधिकतम-न्यूनतम वेतनमान का अनुपात 7:1 करने, पदोन्नति-एसीपी 8-16-24 वर्ष की बजाय 4-9-14 करने की मांग भी की है। संघ की ओर से इसके अलावा एक दर्जन मांगें और की गई हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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