Monday, July 4, 2016

रहें सावधान: पानीपत में 14 हजार रुपए लेकर 32 हजार की नौकरी दिलवाने के नाम पर ऑनलाइन 'ठगी'

पानीपत के सेठी चौक स्थित हैंडलूम मार्केट में चाय की दुकान चलाने अनिल गर्ग का बेटा चिराग सप्ताह भर पूर्व इंटरनेट पर 12वीं के बाद नौकरी के विकल्प देख रहा था। स्वर्ण जयंती रोजगार योजना के बारे में पढ़ उस पर रजिस्ट्रेशन कर दिया। अगले दिन उसके पास मोबाइल नंबर 07459896809 से फोन आया कि अपना नाम
पता एसएमएस कर दो। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। तीन दिन बाद उसके पास स्पीड पोस्ट से ग्राहक सेवा प्रतिनिधि के पद पर 32,500 रुपये की नौकरी का नियुक्ति पत्र पहुंच गया, लेकिन जब सुरक्षा राशि के नाम पर एक बैंक एकाउंट में 13,850 रुपये जमा कराने की बात पढ़ी तो शक हुआ। शक सही था, वह फर्जीवाड़ा ही था। नियुक्ति पत्र पर दफ्तर का पता जनकपुरी दिल्ली का था तो स्पीड पोस्ट लखनऊ के जानकीपुरम से कराया गया था। जिस मोबाइल नंबर से फोन आया, उसकी लोकेशन बिहार की थी। 
हकीकत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में शुरू हुई स्वर्ण जयंती रोजगार योजना कई साल पहले बंद हो चुकी है। इसके तहत भी अभ्यर्थी को राशन कार्ड, वोटर कार्ड और आय प्रमाण पत्र के साथ जिला उपायुक्त कार्यालय संपर्क करना होता था। इसी बंद योजना पर भी ऑनलाइन फर्जीवाड़ा चलाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वालों के मोबाइल नंबर निकाल उन्हें फोन किया जाता है, पूरा पता मंगाया जाता है। उस पते पर स्पीड पोस्ट से नियुक्ति पत्र भेज दिया जाता है। अशोक स्तंभ छपे लेटर हेड पर नियुक्ति पत्र देख किसी का भी चकरा जाना स्वाभाविक है। नियुक्ति पत्र में कहीं भारत, कहीं राज्य सरकार व कहीं गृह मंत्रलय का उल्लेख किया गया है। जागरण टीम ने जब इस नियुक्ति पत्र की असलियत जानने का प्रयास किया तो कई बातें सामने आईं। नियुक्ति पत्र में दिए गए पते के मुताबिक दिल्ली के जनकपुरी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में ऐसा कोई दफ्तर नहीं है। स्पीड पोस्ट लिफाफे पर जानकीपुरम लखनऊ का टिकट लगा है और जो मोबाइल नंबर पत्र पर छपा है, वह सीतापुर बिहार में मिलता है। ऑनलाइन चेक करने पर यह भी सामने आया कि देश के कई हिस्सों से बेरोजगार युवा इस फर्जीवाड़े के चक्कर में फंसकर धनराशि जमा करा चुके हैं और अब पछता रहे हैं।
वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई यह योजना बंद हो चुकी है। अब जो योजना चल रही है, उसका नाम है राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम)। इस ऑन लाइन फर्जीवाड़े के खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। जल्द ही फर्जीवाड़ा करने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। - डॉ. चंद्रशेखर खरे, जिला उपायुक्त, पानीपत।
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साभारजागरण समाचार 
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