ओमप्रकाश चौटाला शासनकाल में भर्ती 3206 जेबीटी टीचर, जिनकी नियुक्ति एकल बेंच ने खारिज कर दी थी की अपील पर बुधवार को डिविजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने सरकार द्वारा पेश किये गए भर्ती रिकार्ड पर संदेह जताते हुए कहा कि सीबीआई की ओर से आया रिकार्ड फोटोस्टेट है, जिसमे टेंपरिंग की
संभावना भी हो सकती हैं। इस पर बेंच ने सरकार को ओरिजनल रिकार्ड या उसकी सीडी बना कर कोर्ट को देने को कहा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बेंच ने मामले की सुनवाई 25 मई तक स्थगित कर दी है।
बहस के दौरान प्रभावित टीचरों की वकील ने डिविजन बेंच को बताया था कि इस मामले में शुरू से ही हरियाणा सरकार व डिविजन बेंच का यह रूख रहा है कि टीचर को काम करते हुए पंद्रह साल हो गए हैं ऐसे में इनको हटाना ठीक नहीं है। ऐसा समाधान निकाला जाए कि यह टीचर बेरोजगार न हो। इससे पहले भी हरियाणा सरकार ने कई तरह के कर्मचारी जिनको कोर्ट ने हटा दिया था, उनको अन्य जगह पर एडजस्ट किया था। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही किया जाए।
प्रभावित टीचरों के वकील की दलील का विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि भर्ती में धांधली हुई है। सीबीआई ने जांच में साबित भी कर दिया और मुख्य आरोपियों पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला व अन्य को मिली सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल रखा है, ऐसे में इन टीचर को नौकरी पर कैसे रखा जा सकता है। मामले में एकल बेंच ने ओम प्रकाश चौटाला शासन काल वर्ष 2000 में भर्ती 3206 जेबीटी टीचर की नियुक्ति रद करने का फैसला सुनाते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का सरकार को आदेश दिया था।
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साभार: जागरण समाचार
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