Thursday, May 19, 2016

एक इच्छा शक्ति ही चाहिए बस: एक पंचायत जो देगी सरकारी स्कूल को प्राइवेट जैसा रूप

अधिकतर गांव की सरकार युवाओं के हाथ में आने से अब सकारात्मक परिणाम भी सामने आने शुरू हो गए है। जिले के गांव आसन की पंचायत ने राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल को निजी स्कूल की तर्ज पर विकसित करने का निर्णय लिया है। सौ फीसद साक्षरता और सौ फीसद दाखिले के लक्ष्य निर्धारित कर उस पर
काम शुरू हो गया है। पंचायत शीघ्र ही स्कूल में जहां सीसीटीवी कैमरे लगाएगी, वहीं बेटियों को पीने के लिए आरओ का स्वच्छ और शीतल पानी मुहैया कराएगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं खेलने के लिए मैदान को भी बेहतर बनाया जाएगा। स्कूल को बेहतर बनाने के लिए जहां पंचायत अलग से फंड जारी करेगी, वहीं ग्रामीणों से चंदा भी एकत्रित किया जाएगा ताकि पंचायत व सरकार पर ज्यादा बोझ न पड़ सके। 
बता दें कि गांव के 50 फीसद से अधिक लड़के-लड़कियां सरकारी स्कूल में सुविधाएं नहीं होने के कारण आसपास के निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। इससे गांव के स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार घटती रही है। सरकारी स्कूल की तरफ बच्चों व उनके अभिभावकों के घट रहे रूझान को देखते हुए गांव में पंचायत हुई। पंचायत में सरकारी स्कूल को निजी स्कूल की तरह मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने का निर्णय लिया गया। स्कूल में जहां पीने के पानी को लेकर आरओ और वाटर कूलर लगाने पर सहमति बनी, वहीं सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे लगाने का अहम निर्णय भी लिया गया। सीसीटीवी कैमरे से जहां स्कूल की छात्रओं की सुरक्षा कड़ी होगी, वहीं स्कूल में शिक्षिकाओं व मिड-डे-मील बनाने पर भी नजर रहेगी। इससे जहां शिक्षिक अपनी जिम्मेदार बेहतर ढंग से निभाएंगे, वहीं छात्रएं भी सुरक्षा के घेरे में स्कूल में अपनी पढ़ाई कर सकेंगी।
बदलाव को आतुर 70 शिक्षित युवाओं की टीम: गांव के समुचित विकास को लेकर सरपंच के नेतृत्व में 70 युवाओं की टीम बनाई गई है। इस टीम में गांव के उन युवकों को शामिल किया गया है, जो पढ़े-लिखे हैं, उनका रोजगार है और गांव की बेहतरी के लिए समय देने में सक्षम हैं। इसी टीम ने गांव के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लगातार छात्रओं की घट रही संख्या को लेकर उजागर किया और सरकार स्कूल में गांव की सौ फीसद छात्रओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। अब स्कूल में निजी स्कूल की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए योजना तैयार कर ली गई है। शीघ्र ही गांव में चंदा एकत्रित करके काम शुरू कर दिया जाएगा। 
मुद्दों पर चर्चा के लिए कोर टीम: पंचायत की कोर टीम में गांव के अलग-अलग वर्ग से वरिष्ठ लोगों को भी शामिल किया गया है। वरिष्ठजनों को टीम में शामिल करने के पीछे मकसद उनका बेहतर मार्गदर्शन लेना है। इसमें सेवानिवृत्त शिक्षक निरंजन और ब्रह्म देवी के अलावा भूतपूर्व सैनिक, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी शामिल हैं। खास बात ये है कि कोई भी निर्णय लेने के लिए सामूहिक रूप से पंचायत बुलाई जाती है। गांव के युवा सरपंच दीपक कुमार का कहना है कि निजी स्कूलों में प्रत्येक परिवार अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दिलवा सकते। गांव में काफी परिवार ऐसे भी हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर है। इन परिवार के बच्चे निजी स्कूलों में महंगी फीस देकर पढ़ाई करने में असमर्थ हैं। ऐसा नहीं है कि सरकारी स्कूल में अच्छी पढ़ाई नहीं होती। लेकिन बच्चों की संख्या घटने से शिक्षक भी क्या करें। इन सब बातों को देखते हुए सरकारी स्कूल को निजी स्कूल की तरफ से सुविधायुक्त बनाने का निर्णय लिया है। 
मनरेगा के तहत बनेगा खेल मैदान, होगा पौधरोपण: स्कूल में सीसीटीवी कैमरे, आरओ, वाटर कूलर लगाने के साथ-साथ खेल मैदान में बेहतर बनाया जाएगा। स्कूल के सौंदर्यीकरण के लिए पौधरोपण भी कराया जाएगा। खेल मैदान और पौधरोपण के लिए सरकार की मनरेगा स्कीम के तहत काम कराया जाएगा।
स्कूल में छात्रओं की संख्या कम है। इसके पीछे कारण आसपास के निजी स्कूल है। उन्होंने स्कूल स्टाफ के साथ गांव में सर्वे भी कराया था। अब राजकीय स्कूल को ही निजी स्कूल से बेहतर बनाने का प्रयास है। गांव की पंचायत भी इस दिशा में सार्थक कदम उठा रही है। गांव में सौ फीसद दाखिले और सौ फीसद परीक्षा परिणाम लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। - आरती चहल, प्राचार्य।
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साभारजागरण समाचार 
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