प्रदेशभर में शिक्षा स्तर गिरता जा रहा है। इसे सुधारने के लिए अब शिक्षा विभाग द्वारा नया प्रयास किया जा रहा है। अब तीसरी से आठवीं कक्षा के पेपर भी बोर्ड तैयार कर स्कूलों में भेजेगा। इस नए प्रयास से शिक्षा स्तर सुधरने की आस है। छह वर्ष पहले आठवीं की परीक्षा बोर्ड की हुआ करती थी। इस दौरान विद्यार्थियों को
परीक्षा देने के लिए दूसरे स्कूलों में जाना पड़ता था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बोर्ड की परीक्षा होने पर विद्यार्थियों को यह डर बना रहता था कि वह फेल न हो जाए। इस डर के कारण विद्यार्थी मन लगाकर पढ़ाई करते थे। इससे शिक्षा स्तर काफी अच्छा रहता था, लेकिन 2010 हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड आठवीं की परीक्षा स्कूल स्तर में ही करवाने लगा। बोर्ड की परीक्षा बंद कर दी गई। बोर्ड की परीक्षा बंद होते ही शिक्षा स्तर गिरने लगा। क्योंकि विद्यार्थियों के मन से बोर्ड का डर गायब हो गया। गिरते शिक्षा स्तर को देखते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों ने फैसला किया है कि अब तीसरी से आठवीं तक की कक्षा के पेपर भी बोर्ड ही तैयार कर स्कूलों में भेजेगा। बोर्ड ने तीन महीने पहले ही नौवीं व ग्यारहवीं पेपर तैयार करने का फैसला लिया था। एक सप्ताह पहले ही इन कक्षाओं के पेपर संपन्न हुए हैं। इस फैसले को देखते हुए ही बोर्ड ने तीसरी से आठवीं कक्षा के पेपर भी तैयार का निर्णय लिया है।
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साभार: जागरण समाचार
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