इंटरनेट से देखने पर यह किसी विशाल शैक्षणिक साम्राज्य जैसा दिखता है।
सैकड़ों विश्वविद्यालय और हाई स्कूल। सूरज की रोशनी से नहाते अमेरिकी कैंपस
में मुस्कुराते प्रोफेसरों की तस्वीरें। उनके वेबसाइट भी चमकदार और
विश्वसनीय दिखाई देते हैं। नर्सिग से लेकर सिविल इंजीनियरिंग तक दर्जनों
विषयों में ऑनलाइन डिग्री की पेशकश। सीएनएन आइरिपोर्ट वेबसाइट पर आकर्षक
विज्ञापन और वीडियो के जरिये
कंपनी का जोरदार गुणगान। और हां, साथ में
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के हस्ताक्षर से युक्त सत्यता का प्रमाणपत्र
भी। यह शैक्षणिक संसार है पाकिस्तानी कंपनी ‘EXACT’ का। जब आप बारीकी
से इसकी जांच करते हैं तो पता चलता है कि यह दमकती तस्वीर महज एक मृगतृष्णा
है। इससे संबंधित सभी खबरें मनगढंत हैं। विज्ञापनों में दिखाए जा रहे
प्रोफेसर पैसे लेकर काम करने वाले अभिनेता हैं। विश्वविद्यालय कैंपस की जो
तस्वीरें दिखाई जा रही हैं, उनका अस्तित्व सिर्फ कंप्यूटर सर्वर में है। और
डिग्रियों की कहीं से कोई मान्यता नहीं है।
कमाई छोड़कर सबकुछ
फर्जी: दरअसल ‘EXACT’ के कथित शैक्षणिक साम्राज्य में लाखों डॉलर की कमाई
को छोड़कर बाकी सबकुछ काल्पनिक है। कराची से संचालित होने वाली इस कंपनी
में लगभग दो हजार कर्मचारी काम करते हैं और यह अपने आप को पाकिस्तान का
सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर निर्यातक बताती है। कर्मचारियों को सिलिकन वैली की
तर्ज पर वेतन-भत्ते दिए जाते हैं। उन्हें हर तरह की सुख-सुविधा दी जाती है।
यहां तक कि उनके लिए परिसर में ही स्विमिंग पूल भी बनाया गया है।
दुनियाभर में फर्जीवाड़ा: ‘EXACT’ के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी शोएब
अहमद शेख इसे एक आइटी कंपनी बताते हैं। हालांकि, कंपनी छोड़ चुके लोगों के
अनुसार, इसका मुख्य धंधा दुनियाभर में फर्जी डिग्री बेचना है। ऑनलाइन
शिक्षा को लेकर लोगों की जिस तरह दिलचस्पी बढ़ रही है, उसे कंपनी अपने लिए
एक अवसर मानती है। यह लोगों को आकर्षित करने के लिए आक्रामक रूप से
वेबसाइटों पर विज्ञापन देती है। इसका मुख्य ध्यान अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं
को फंसाने पर रहता है।
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साभार: जागरण समाचार
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