निजी हाथों में मिड डे मील सौंपने की तैयारी
शिक्षा विभाग अब मिड-डे मील का जिम्मा निजी कंपनियों को सौंपने की
तैयारी कर रहा है। इसके बाद कंपनी अपना सामान खुद लेकर आएगी। चूंकि स्कूलों
में लाखों रुपये कीमत के बर्तन शिक्षा विभाग ने उपलब्ध करवाए हुए हैं। अब
विभाग अपनी इस चल- संपत्ति का हिसाब लगा रहा है। स्कूलों से आंकड़े जुटाए
जा रहे हैं कि किस स्कूल में कितने बर्तन हैं। स्कूल मुखियाओं से बर्तनों
की जानकारी मांगी गई है। निजी कंपनियों का ठेका देने पर मिड-डे मील वर्कर्स
का रोजगार भी छिन सकता है। इस कारण स्कूल मुखिया इस निर्णय की आलोचना भी
कर रहे हैं। 1उनका मानना है कि अगर निजी कंपनियां मिड-डे मील कोई गड़बड़ी
करती है तो वह इसकी शिकायत भी किसी को नहीं कर सकते है। इसके अलावा विभाग
को लाखों रुपयों का नुकसान भी होगा। विभाग ने सरकारी स्कूलों में कुछ समय
पहले ही नये बर्तन व सिलेंडर दिये थे। निजी कपंनियां अपना सामान खुद
खरीदेंगी। 1ऐसे में यह सामान सस्ते भाव बेचना पड़ सकता है। मिड डे मील
वर्करों को हटाया जाना भी लगभग तय है। एक स्कूल में लगभग 2-3 महिलाएं
मिड-डे मील बनाती हैं। 1निजी कंपनी के आते ही इन्हें हटाया जा सकता है।
इससे हजारों महिलाओं का रोजगार भी जाएगा। हालांकि मिड डे मील के इंचार्ज
लखबीर सिंह का कहना है कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। विभाग ने प्रस्ताव
भेजा था, लेकिन अभी तक निजी कंपनी को ठेका दिया नहीं गया है।
साभार: जागरण समाचार
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