Monday, April 13, 2015

स्कूल के बाहर फीस का विवरण लगाओ वरना होगी कार्रवाई

मनमानी फीस वसूलने वाले निजी स्कूलों पर शिक्षा विभाग शिकंजा कसने वाला है। विभाग के आदेश हैं कि स्कूल संचालकों को अपनी फीस व अन्य खर्चो का ब्यौरा बाहर गेट पर लिखना होगा। लेकिन अभी तक शहर के किसी स्कूल के बाहर विवरण नहीं लिखा गया। शिक्षा विभाग इसी सप्ताह के भीतर इन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। स्कूल संचालकों ने अपने तरीके से फीसें निर्धारित की हुई हैं। सत्र के बीच में कई बार कार्यक्रम भी करवाए जाते हैं। उन कार्यक्रमों के नाम पर अलग फीस वसूली जाती है।
जो खर्चे निर्धारित किए हुए हैं, उनकी रसीद तक दी नहीं जाती। आसपास कोई सरकारी स्कूल न हो तो अभिभावकों के लिए मजबूरी बन जाती है। बच्चों को निजी स्कूल में भेजना पड़ता है। मगर निजी स्कूल संचालक उसका फायदा उठाते हैं। स्कूल संचालक रिकॉर्ड में कहीं नहीं दर्शाते कि वे कितनी फीस ले रहे हैं। इस तरह रिकॉर्ड में खर्चे ज्यादा और आमदन कम दिखाकर आयकर विभाग को भी चूना लगाते हैं। इसलिए शिक्षा विभाग ने आदेश दिए थे कि कक्षा के हिसाब से वार्षिक फीस व अन्य खर्चो का विवरण स्कूल के बाहर लिखना होगा। इससे स्कूलों के कामकाज में पारदर्शिता आएगी और नाजायज वसूली रुकेगी। मगर स्कूल संचालकों को यह पारदर्शिता पसंद नहीं है। यही वजह है कि अभी तक स्कूलों के बाहर फीस का विवरण नहीं लिखा जा रहा है। जबकि स्कूलों में आधे से ज्यादा बच्चे दाखिला ले चुके हैं। 

नोटिस जारी किए जाएंगे: फतेहाबाद के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी एवं कार्यकारी अधिकारी डॉ. यज्ञदत्त वर्मा ने कहा फीस संबंधी जानकारी स्कूल के बाहर चिपकानी जरूरी है ताकि अभिभावकों को पता चल सके। स्कूल संचालक ऐसा नहीं करता तो कार्रवाई तय है। एक या दो दिन के भीतर सर्वे कर स्कूलों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
लौटानी पड़ेगी फीस: डीईईओ ने बताया कि कई स्कूलों में दाखिले हो चुके हैं। बाहर विवरण लिखने के बाद लोगों को भी पता चल जाएगा कि उनसे हेराफेरी तो नहीं हुई। यदि ज्यादा फीस वसूली गई है तो फीस लौटानी पड़ेगी। हमारा उद्देश्य है कि फीस वसूली की प्रक्रिया में पारदर्शिता आए।
साभार: जागरण समाचार
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