शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही जेबीटी अध्यापकों के अंगूठों की जांच के लिए
अनुपस्थित रहे उम्मीदवारों को अंतिम मौका बृहस्पतिवार से दिया गया है।
बृहस्पतिवार को चार साल के अनुभव के आधार पर भर्ती हुए जेबीटी शिक्षक भी
जांच में शामिल होने के लिए शिक्षा बोर्ड मुख्यालय पर पहुंच गए। जांच
अधिकारियों ने बगैर जांच के ही उन्हें वापस भेज दिया। इस पर
उम्मीदवारों ने
विभाग की कार्यशैली पर रोष जताया और कहा कि भ्रमित करने वाली सूचना की वजह
से उन्हें सैकड़ों किलोमीटर दूर से भिवानी आवागमन करने के लिए परेशान होना
पड़ा। बृहस्पतिवार को मेवात, झज्जर, फरीदाबाद, गुड़गांव, पलवल, नारनौल,
महेन्द्रगढ़, नरवाना के उम्मीदवार शिक्षा बोर्ड मुख्यालय पर जांच के लिए
पहुंचे। मेवात से तबसुम, सफिया ऊर्फ सोफी, जन्नती, सुमन, फरीदाबाद से सीमा,
मेवात से समीना, झज्झर से मंजू, मेवात से सलीम, एजाम, जमसीदा, इमराना,
अंजुमबाला, नारनौल से अशोक, प्रदीप, संदीप कुमार, फरीदाबाद से सुनीता यादव,
महेंद्रगढ़ से रीकी कुमारी, पलवल से महेश कुमार, गुड़गांव से बीरेंद्र
सिंह, नरवाना से गीतारानी, महेन्द्रगढ़ से शुकमपाल ने बताया कि शिक्षा
विभाग द्वारा 9870 जेबीटी की जांच भिवानी में शिक्षा बोर्ड मुख्यालय पर की
जा रही है। विभाग ने अनुपस्थित रहे उम्मीदवारों को अंतिम मौका 9 व 10
अप्रैल को दिया है। विभाग द्वारा जारी की गई सूचना में मेरिट नंबर 2 से
लेकर 4595 तक तथा 1 से 1170 (मेवात केडर) के उम्मीदवारों को 9 अप्रैल को
जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था। मेरिट नंबर 4615 से लेकर 9045 तक
के उम्मीदवारों को दस अप्रैल को बुलाया गया है। इन उम्मीदवारों ने कहा कि
विभाग द्वारा जारी मेरिट सूची में वे भी शामिल हैं। लेकिन जैसे ही वे
भिवानी बोर्ड मुख्यालय पर पहुंचे तो जांच अधिकारियों ने कहा
कि जो शिक्षक चार साल की भर्ती के आधार पर नियुक्त हुए थे, उनके अंगुठों की
जांच नहीं की जानी है। इसलिए आप लोग वापस चले जाओ। उम्मीदवारों ने आरोप
लगाया कि न तो उनकी हाजिरी लगाई गई और न ही विभाग द्वारा जारी की गई सूचना
में यह लिखा गया कि अनुभव के आधार पर भर्ती होने वाले उम्मीदवारों को जांच
में शामिल नहीं होना है। ऐसे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वे पहले भी
जांच में शामिल होने आए थे, लेकिन यही बात कह कर वापस भेज दिया था। ऐसे में
उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।बोर्ड मुख्यालय पर शिक्षकों की लगी
भीड़। जांच टीम में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि अनुभव के आधार पर भर्ती होने
वाले शिक्षकों के अंगूठों की जांच नहीं की जानी है। क्योंकि स्टेट पास
करने वाले उम्मीदवारों के अंगूठों की ही जांच हो रही है। हालांकि उन्होंने
यह भी माना कि स्थिति स्पष्ट न करने की वजह से परेशानी हो रही है।
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साभार: जागरण समाचार
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