केन्या का गेरिसा विश्वविद्यालय गुरुवार को गोलियों की गड़गड़ाहट से गूंज
उठा। सुबह के करीब पांच बजे कुछ बंदूकधारी सोमालिया की सीमा से सटे इस
विश्वविद्यालय परिसर में ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए घुस गए। इनके हमले में
कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 65 अन्य घायल हो गए। अल कायदा से
जुड़े आतंकी संगठन अल शबाब ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
खबर लिखे जाने तक
गोलीबारी जारी थी। केन्या के पुलिस प्रमुख जोसेफ बोनेट ने बताया कि पुलिस
और सेना के जवानों ने विश्वविद्यालय को चारों तरफ से घेर रखा है। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com अल शबाब
के अभियानों के प्रवक्ता शेख अबदियासिस अबू मुसाब ने दावा किया है कि उसके
लड़ाकों ने कई ईसाइयों को बंधक बना रखा है।
छह छात्रावास: इस विश्वविद्यालय
परिसर में छह छात्रवास हैं। गृहमंत्री जोसेफ नकासरी ने बताया कि 815
छात्रों में से 280 सुरक्षित हैं। शेष छात्रों का पता नहीं चल रहा है। यह
भी साफ नहीं है कि परिसर के भीतर कितने छात्र मौजूद हैं।
कितने हमलावर:
हमलावरों की संख्या को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो है। कुछ के मुताबिक पांच
लोग गोलीबारी करते हुए परिसर में घुसे। दूसरी ओर, कुछ ने हमलावरों की
संख्या 10 होने का दावा किया है।
पूछ रहे थे धर्म: हमले में जिंदा बचे
लोगों के मुताबिक हमलावर कमरों में छिपकर जान बचाने की कोशिश करने वाले
छात्रों और शिक्षकों से पूछ रहे थे कि वे मुसलमान हैं या ईसाई। एक छात्र
ऑगस्टीन अलांगा ने बताया कि गोलीबारी के बाद जिन लोगों ने बाहर भागने की
कोशिश की वे बंदूकधारियों का निशाना बन गए।
पहले से था अंदेशा: अल-शबाब
द्वारा केन्या में विश्वविद्यालय को निशाना बनाए जाने की आशंका पहले से ही
थी। खुफिया विभाग ने 25 मार्च को ही सरकार को इस संबंध में आगाह कर दिया
था।
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साभार: जागरण समाचार
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