सरकारी स्कूलों में सुबह आकर सफाई करने वालों की कमी भविष्य में भी जारी
रहती दिखाई दे रही है। नियमित कर्मचारियों की भर्ती न होने तक इसका कोई
समाधान नहीं हो सकता। यह अनुमान नहीं है कि नियमित भर्ती कब तक हो पाएगी।
शिक्षा निदेशालय ने एक पत्र के जवाब में लिखित रूप से कहा है कि फिलहाल
स्कूलों में पार्ट टाईम सफाई कर्मचारी भर्ती करने की कोई गुंजाइश
नहीं है। शिक्षकों ने मांग रखी थी कि स्वच्छ भारत अभियान को देखते हुए
पार्टटाइम कर्मचारी रखने की अनुमति दी जाए। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com मगर निदेशालय ने साफ जवाब दे
दिया। कहा है कि विभाग के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इस स्थिति
में स्कूलों की झाड़ विद्यार्थियों के हाथ में ही रहेगी। फिलहाल स्थिति ये
है कि वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जरुर हैं।
उच्च विद्यालयों व माध्यमिक विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को
कोई व्यवस्था नहीं है। सुबह बच्चे ही आकर सफाई करते हैं। शिक्षक कक्षा के
हिसाब से हर रोज जिम्मेदारी बांटते हैं। वे बच्चे सुबह आकर टाट पट्टी
झाड़ते हैं। इसके बाद झाड़ लगाते हैं। यहां तक कि स्कूलों में आने वाले
मेहमानों को चाय व पानी पिलाने की जिम्मेदारी भी बच्चे ही संभालते हैं।
ऐसे दिया निदेशालय ने जवाब: प्राथमिक शिक्षक संघ ने मांग पत्र भेजा था।
मांग रखी कि स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए स्कूलों में पार्ट
टाइम कर्मचारी की स्वीकृति दी जाए। निदेशालय ने अपने जवाबी पत्र में लिखा
है कि पार्ट टाईम कर्मचारी लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। वर्तमान में
पार्ट टाईम नियुक्तियों पर प्रतिबंध है।
चौकीदारों की मांग पर सकारात्मक रुख
अपनाया: शिक्षकों ने एक मांग ये भी रखी है कि सुरक्षा के मद्देनजर स्कूलों
में चौकीदारों की नियुक्ति की स्वीकृति दी जाए। विभाग ने इस पर सकारात्मक
प्रतिक्रिया दी है। जवाब दिया है कि इसके लिए मुख्य सचिव को पत्र भेजा गया
है। भर्ती सूची प्राप्त होने पर चौकीदारों के रिक्त पद भर दिए जाएंगे।
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साभार: जागरण समाचार
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