Thursday, April 2, 2015

134 A पर सरकार और निजी स्कूलों में टकराव तय

हरियाणा के निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिलों पर टकराव के आसार बन गए हैं। सरकार ने जहां इसकी तैयारी शुरू कर दी है, वहीं निजी स्कूल संचालक बिना आर्थिक मदद के इसके लिए तैयार नहीं हैं। वे जल्द ही मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मुलाकात करेंगे। दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सत्यवीर हुड्डा की पांच साल की लंबी लड़ाई के बाद निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिले की सुविधा मिल पाई है। पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में
करीब पांच साल तक लड़ाई लड़ने के बाद इस केस में 17 अलग-अलग आदेश जारी हुए हैं। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com ताजा फैसला मंगलवार को आया, जिसमें कहा गया है कि निजी स्कूलों में धारा 134-ए के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिले दिए जाने चाहिए। प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा विधानसभा में यह एलान कर चुके हैं कि निजी स्कूलों में दस प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिले दिलाए जाएंगे। दो लाख रुपये तक की आमदनी वाला किसी भी जाति का अभिभावक गरीब की श्रेणी में माना जाएगा। लंबी जद्दोजहद के बाद राज्य सरकार ने निजी स्कूलों में दाखिलों का शेड्यूल भी घोषित कर दिया है। सत्यवीर हुड्डा ने इस बार पांच लाख फार्म भरवाने की बात कही है, लेकिन फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा का कहना है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम में साफ उल्लेख है कि यदि निजी स्कूल गरीब बच्चों को दाखिला देते हैं तो उनका खर्च राज्य सरकार को वहन करना पड़ेगा। पिछली सरकार के दौरान भी हमारी यही लड़ाई थी और इस बार भी हम इसी बात को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। शर्मा के अनुसार सत्ता में आने से पहले भाजपा ने निजी स्कूल संचालकों के सहयोग का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब सरकार अपने वादे से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि हमें गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिला देने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन राज्य सरकार को उनका खर्च निजी स्कूलों को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम में मुफ्त दाखिले का आधार बीपीएल श्रेणी के लोगों को बनाया गया है, लेकिन राज्य सरकार ने यहां दो लाख रुपये तक की आमदनी वाले लोगों को गरीब मानकर स्वयं की नई परिभाषा गढ़ ली है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में यदि जरूरत पड़ी तो निजी स्कूल संचालक सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। पहले शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की जाएगी। दूसरी तरफ हुड्डा का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश आ चुके हैं और राज्य सरकार भी गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिले दिलाने के लिए गंभीर है। अब किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।
साभार: जागरण समाचार
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