Friday, February 27, 2015

अध्यापकों की उपस्थिति की जांच होनी चाहिए-शिक्षा मंत्री

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प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग में सुधार के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। शिक्षकों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्वक शिक्षा मिलने पर ही संपन्न परिवारों के बच्चे प्रवेश लेंगे। शर्मा बृहस्पतिवार को शिक्षा सदन सेक्टर 5 के सभागार में चिंतन शिविर के समापन पर जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज से 20 साल
पहले शिक्षक को समान की दृष्टि से देखा जाता था। समय के साथ-साथ इसमें गिरावट आई है। इसे दूर करने के लिए शिक्षकों को ईमानदारी से कार्य करना होगा। शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा है कि अब स्कूल में बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों की अटेंडेंस की भी जांच की जाए। विभाग के अधिकारियों ने शिक्षा विभाग की ओर से गत तीन महीने में शिक्षकों के एसीपी संबंधित लंबित 15232 मामलों का निपटारा किया। इसके साथ ही, करोड़ से भी अधिक राशि के लंबित मेडिकल बिलों का भुगतान किया गया है। उन्होंने मंत्री को आश्वासन दिलवाया कि वे शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक सुधार लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इस मौके पर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों के पेपर हर महीने लिए जाएंगें। बच्चों का प्रगति रिपोर्ट कार्ड तैयार करने की योजना को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इससे बच्चों के परिणामों में काफी सुधार होगा। इस मौके पर सेकेंडरी शिक्षा विभाग के निदेशक एमएल कौशिक व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
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साभार: जागरण व अमर उजाला समाचार
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