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हाईकोर्ट ने हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (स्टेट) में हुई धांधली मामले
में कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि दोषी टीचरों के खिलाफ कार्रवाई कर 2 मार्च
तक स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट के सामने होनी चाहिए। मंगलवार को सुनवाई के दौरान
मौलिक शिक्षा निदेशक ने स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए समय मांगा तो बेंच ने
फटकार लगाते हुए कहा कि वे इस मामले में कुछ नहीं कर रहे हैं। जिस दिन
मामले की सुनवाई होती है, उससे एक दिन पहले कोई आदेश जारी कर हलफनामा देकर
खानापूर्ति की जा रही है। जस्टिस राजेश बिंदल ने कहा कि उनका यही रवैया
रहा तो वे इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई कर देंगे। इस पर निदेशक ने बताया कि
जल्द ही उनके पास राज्य फोरेंसिक लैब मधुबन से रिपोर्ट आने वाली है जिसके
बाद वे अगली सुनवाई से पहले कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट बेंच के सामने पेश
कर देंगे। निदेशक ने बेंच को बताया कि पिछले सप्ताह सभी जिलों के डीईईओ की
बैठक ली गई थी। सभी डीईईओ को निर्देश दिया गया है कि जांच में दोषी मिले
778 टीचरों को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब तलब करें और जवाब आने के
पंद्रह दिन के भीतर उनको बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराएं। जो 228
टीचर नौकरी छोड़ चके हैं उनके मामले में भी यही कार्रवाई की जाएगी। निदेशक ने हलफनामा दिया कि इस भर्ती में कुल 8531 शिक्षकों को नियुक्ति
पत्र जारी किए गए थे, जिनमें से वर्तमान में 8194 कार्यरत हैं। 7970 टीचर
ने जांच में भाग लिया जबकि 22 की मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि बेंच पहले
ही कह चुकी है कि सभी टीचरों की जांच की जाए। नौकरी छोड़ चुका व्यक्ति भी
अगर फर्जीवाड़े का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। केवल
निलंबन करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि ऐसे टीचरों को बर्खास्त किया जाना
चाहिए।
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साभार: जागरण समाचार
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