Tuesday, February 24, 2015

एटीएम कार्ड खो जाने पर बैंक खाता कितना सुरक्षित? बैंक नहीं बताता

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आपके लिए एटीएम इस्तेमाल करना फिर से आसान हो सकता है। बैंक अपने ही एटीएम के इस्तेमाल पर अनलिमिटेड ट्रांजैक्शन की सुविधा एक बार फिर शुरू कर सकते हैं। नवंबर 2014 से एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी सहित दूसरे बैंकों ने उन ग्राहकों से भी अनलिमिटेड ट्रांजैक्शन की छूट खत्म कर दी थी, जिनका उसी बैंक में खाता है। लेकिन, एटीएम इस्तेमाल करने वाले लोगों को कुछ बातें याद रखनी चाहिए। बैंक की तरफ से बहुत सी जानकारियां ऐसी होती हैं
जो छुपा ली जाती हैं। एटीएम रसीद के फायदे से लेकर डेबिट कार्ड के खो जाने पर अकाउंट कितना सुरक्षित है, ऐसी कईं जानकारियां बैंक आपको नहीं देता।
आज हम आपको बताएंगे ऐसी ही छह बातें, जिनको लेकर बैंक शायद ही चर्चा करते हैं: 
  • डेबिट कार्ड खो जाने पर आपका अकाउंट कितना सुरक्षित है: अगर हम कार्ड के चोरी होने या खोने की बात करते हैं तो आपको बता दें कि आपके डेबिट कार्ड से अधिक सुरक्षित आपका क्रेडिट कार्ड है। कोई भी बैंक आपको इस बारे में नहीं बताएगा। अपने बैंकर से बात कर के अपने कार्ड के खोने या चोरी होने की स्थिति में सुरक्षा की जानकारी लें। भारतीय स्टेट बैंक एक डेबिट कार्ड प्रोटेक्शन प्लान (CPP) देता है, जो इस तरह की परिस्थितियों में आपके लिए मददगार होता है। अपने बैंक से पता करें कि क्या उनके पास भी ऐसी कोई स्कीम है? इस तरह से आप अपने कार्ड को अधिक सुरक्षित कर सकते हैं। 
  • एटीएम ट्रांजैक्शन की हर रसीद संभाल कर रखें: एटीएम ट्रांजेक्शन की हर रसीद संभाल कर रखनी चाहिए, क्योंकि एटीएम एक ऑटोमेटेड प्रोसेस है। जिस सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह प्रक्रिया काम करती है, वह कुछ गलतियां भी पैदा कर सकता है। इसकी वजह से कई सारी ट्रांजैक्शन के डुप्लिकेट भी बन सकते हैं, जो आपके लिए नुकसानदायी होगा। इन सभी परेशानियों से बचने के लिए एटीएम ट्रांजैक्शन की हर रसीद को संभाल कर रखें, जिससे कि आपका पैसा और अधिक सुरक्षित हो सके। समय बढ़ने पर आप इन रसीद को बैंक को दिखा भी सकते हैं। 
  • लॉन्ग टाइम कस्टमर प्रिविलेज: अन्य ऑर्गेनाइजेशन की तरह बैंक में भी लॉयल और पुराने ग्राहकों को अधिक प्रिविलेज दी जाती है, लेकिन अधिकतर केस में बैंक इस तरह की कोई जानकारी अपने ग्राहकों को नहीं बताते हैं। आपको इसके बारे में खुद ही पूछना पड़ेगा, लेकिन यदि बैंक से इसकी बात की जाए तो वे सामान्यतया अपने पुराने ग्राहकों को फीस वेवर दे देते हैं, तो आप भी इसके लिए बात कर सकते हैं। 
  • अधिक ब्याज दर वाले अकाउंट: सामान्यतया बैंक कई तरह के अकाउंट ऑफर करते हैं। कुछ अकाउंट ऐसे होते हैं, जिनमें अधिक ब्याज मिलता है। ऐसे में कोई बैंक आपको उनके बारे में बताए यह जरूरी नहीं है। बैंक में कितने तरह के अकाउंट हैं और किसमें आपको अधिक फायदा होगा, इसका पता आपको खुद ही लगाना होगा, इसलिए अधिक रिटर्न कमाना चाहते हैं तो पहले पता कर लें कि किस अकाउंट पर अधिक ब्याज मिलता है, तभी पैसों का निवेश करें। 
  • लघु उद्योग लोन: यदि आप छोटे बिजनेस के लिए लोन ले रहे हैं तो आपके लोन की स्वीकृति के चांस काफी कम हैं। कई बैंक वाले छोटे बिजनेस वालों को भेदभाव की नजरों से देखते हैं और कोशिश करते हैं कि ऐसे लोगों को लोन न दिया जाए। उनका मानना होता है कि छोटे कारोबारी बैंक का पैसा लेकर भाग सकते हैं और फिर बैंक को अपने पैसे के लिए उनके पीछे-पीछे भागना पड़ सकता है। 
  • हर टर्म एंड कंडिशन का सही मतलब समझें: किसी भी डॉक्युमेंट के साइन करने से पहले सही से पढ़ लें। इसमें आपको कई सारे ऐसे शब्द मिल सकते हैं, जिनके आपको मतलब भी न पता हों। ऐसे शब्दों की अनदेखी करने के बजाए उनका मतलब पूछें। डॉक्युमेंट को साइन करने से पहले सभी शब्दों के अर्थ को अच्छे से समझ लें, वरना आपको नुकसान भी हो सकता है। हालांकि, इसमें आपका और बैंक अधिकारी का बहुत सारा समय जा सकता है, लेकिन भविष्य में आपको ही इसका फायदा होगा।

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साभार: भास्कर समाचार
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