हरियाणा में हुड्डा शासनकाल में साल 2010 में
जेबीटी के लिए आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा में सामने आए फर्जी
अभ्यर्थियों के मामले में कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव शिक्षा ने हरी झंडी
दे दी है। उधर, इस संबंध में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 फरवरी तक
कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। फर्जी पाए गए परीक्षार्थियों की संख्या 776
है। डायरेक्टर एलिमेंटरी एजूकेशन ने
हाईकोर्ट को बताया कि प्रमुख सचिव से मामले में कार्रवाई की अनुमति मांगी
गई थी। पूछा गया था कि 776 फर्जी अभ्यर्थियों को बर्खास्त किया जाए या उनके
खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो।इनमें से नौकरी छोड़ने वाले 216 अभ्यर्थियों के
खिलाफ कैसी कार्रवाई की जाए। साथ ही तीन अनुपस्थित अभ्यर्थियों पर कार्रवाई
कैसे की जाए। हाईकोर्ट को बताया गया कि प्रमुख सचिव से बुधवार को प्राप्त
पत्र में कहा गया है कि सभी अभ्यर्थियों को 15 दिन में नोटिस दिया जाए। साथ
ही अगले 15 दिन में कार्रवाई की जाए। इसी प्रकार 216 अभ्यर्थियों को
हस्ताक्षर व अंगूठों के निशान के सैंपल देने के लिए 15 दिन का समय दिया
जाए। साथ ही रिपोर्ट आने पर उचित कार्रवाई की जाए। इसके अलावा तीन
अनुपस्थित अभ्यर्थियों से एक बार फिर संपर्क साधा जाए।
भर्ती से वंचित अभ्यर्थियों को मिलेगा न्याय: दूसरी
ओर, हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रमुख सचिव की मंजूरी के मुताबिक सोमवार तक
की गई कार्रवाई की स्थिति रिपोर्ट 24 फरवरी तक कोर्ट में पेश की जाए। पिछली
सुनवाई पर डायरेक्टर एलिमेंटरी एजूकेशन सुभाष चंद्रा ने हाईकोर्ट में बयान
दिया था कि फर्जी अभ्यर्थियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई होगी। उल्लेखनीय है
कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में आठ हजार से अधिक परीक्षार्थियों में से केवल
1101 के ही अंगूठों के निशान का मिलान हो पाया था। इसी कारण
हाईकोर्ट ने मामले में रिपोर्ट मांगी थी। सरकार ने जेबीटी के नौ हजार पदों
के लिए आवेदन मांगे थे। इनमें से 8325 का चयन हुआ था। चयनित लोगों में
फर्जी अभ्यर्थी भी शामिल थे। भर्ती से वंचित रह गए कई अभ्यर्थियों ने तब
कोर्ट की शरण ली थी।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: अमर उजाला समाचार
For getting Job-alerts and Education
News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.