नोट: इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर/ ईमेल करने के लिए इस पोस्ट के नीचे दिए गए बटन प्रयोग करें।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
आजकल चिट्ठी का फैशन नहीं रहा। लोग आजकल ई-मेल पर ज्यादा भरोसा करते
हैं। लेकिन, फिर भी अगर किसी गली से पोस्टमैन निकलता है। तो मन में एक उमंग
रहती है कि काश हमारे घर भी किसी की चिट्ठी आती। आपके इलाके का पिन कोड तो
आपको याद ही होगा। हर किसी को पिन कोड जबानी याद होता है। कोई चिट्ठी
भेजनी हो, कोरियर या मनी ऑर्डर पिन कोड की जरूरत तो सभी को पड़ती है।
लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पिन कोड का मतलब क्या होता है?- एरिया की जानकारी देता है पिन कोड: पिन कोड तो बहुत ही महत्वपूर्ण कोड होता है। इसकी मदद से आप अपने इलाके की पूरी जानकारी आसानी से निकाल सकते हैं। जब आप अपना पिन कोड किसी को बताते हैं तो इसका मतलब होता है कि आप अपने एरिया की पूरी जानकारी उसे दे रहे हैं। हर नंबर का मतलब होता है। इसलिए भारत को जिन जोन में बांटा गया है उन्हें अलग से पिन कोड नंबर दिए गए हैं।
- कब शुरू हुआ पिन कोड: पिन कोड की शुरुआत 15 अगस्त 1972 को हुई थी। पिन कोड का मतलब होता है पोस्टल इंडेक्स नंबर। आजकल पिन कोड का अस्तित्व खोता जा रहा है। इस समय ई-मेल के जरिए जब चिट्ठियां भेजी जाने लगी हैं तब पिन कोड का प्रयोग कोई क्यों करे। कोरियर सर्विसेज ने पिन कोड का प्रयोग जब से शुरू किया है तब से पिन कोड वापस अपना वर्चस्व साबित करने में लगा हुआ है। पिन कोड एक बहुत ही खास नंबर होता है जिसपर पूरा पोस्टल सिस्टम निर्भर करता है।
- कैसे करता है काम: पिन कोड बड़े ही काम का नंबर होता है। 6 नंबरों को मिलाकर बनाया गया ये कोड आपके एरिया की पूरी जानकारी देता है। इसका हर नंबर किसी खास एरिया के लिए ही बनाया गया है। इस जानकारी की मदद से पोस्ट ऑफिस के लोग सही जगह पैकेट को डिलिवर करते हैं। हमारा पूरा देश 6 खास जोन में डिवाइड किया हुआ है। इसमें से 8 रीजनल जोन हैं और एक फंक्शनल जोन। हर पिन कोड किसी ना किसी खास जोन की जानकारी देता है।
- पिन कोड के नंबर: अगर आपके पिन कोड का पहला नंबर 1 है तो इसका मतलब है कि आप दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश या जम्मू और कश्मीर में से किसी राज्य से हैं। अगर यही नंबर 2 है तो आप उत्तर प्रदेश या उत्तरांचल से हैं। इसी तरह अगर आपके पिन कोड का पहला नंबर 3 है तो आप वेस्टर्न जोन के राजस्थान या गुजरात से ताल्लुक रखते हैं। 4 नंबर से शुरू होने वाला पिन कोड महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का कोड होता है। इसी तरह 5 से शुरू होने वाला कोड आंद्र प्रदेश और कर्नाटक का होता है। अगर आपका पिन कोड 6 से शुरू हो रहा है तो आप केरला या तमिलनाडू के रहने वाले हैं। अब अगर आपके पिन कोड का पहला नंबर 7 है तो आप ईस्टर्न जोन में हैं। यहां आप बंगाल, ओरिसा, और नॉर्थ ईस्टर्न इलाकों में हैं। अगर आपके पिन कोड का पहला नंबर 8 है तो यह इस बात का संकेत है कि आप बिहार या झरखंड में रहते हैं। अब अगर आप 9 नंबर से शुरू होने वाले पिन कोड का प्रयोग करते हैं तो यह इस बात का सबूत है कि आप फंक्शनल जोन में रहते हैं। यह होता है आर्मी पोस्टल सर्विसेज के लिए।
- किस प्रदेश का है क्या पिन कोड: अब ये तो हुई पहले नंबर की बात अब हम बात करते हैं पिन कोड के शुरू के दो नंबरों के बारे में। 11 नंबर दिल्ली का होता है, 12 - 13 हरियाणा, 14 - 16 पंजाब, 17 हिमाचल प्रदेश, 18 और 19 जम्मू और काश्मीर, 20 - 28 उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल के लिए, 30-34 राजस्थान, 36-39 गुजरात, 40-44 महाराष्ट्रा, 45-49 मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, 50-53 आन्द्र प्रदेश, 56-59 कर्नाटक, 60-64 तमिल नाडू, 67-69 केरला, 70-74 बंगाल, 75-77 ओरिसा, 78 आसाम, 79 नॉर्थ ईस्टर्न इलाके, 80-85 बिहार और झारखंड, 90-99 आर्मी पोस्टल सर्विसेज। पिन कोड के अगले 3 डिजिट उस इलाके की जानकारी देते हैं जहां आपका पैकेट पहुंचना है। इसका मतलब है उस ऑफिस में जहां आपका पैकेट जाएगा। एक बार आपका पैकट सही ऑफिस तक पहुंच गया तो वहां से यह आपके घर तक पहुंचाया जाता है। अब आप समझे पिन कोड कितना महत्वपूर्ण है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education
News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.