Monday, February 23, 2015

प्रेरणा: जज्बा हो तो जॉबी मैथ्यूज जैसा

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केरल के कोट्टयम में रहने वाले जॉबी मैथ्यू। किसान परिवार में जन्मे, उम्र 38 साल, इनके शरीर का 40% हिस्सा 'अशक्त' है। जन्म से ही पैरों की हड्डी और घुटने अविकसित हैं। डॉक्टरी भाषा में इस बीमारी को प्रॉक्सीमल फेमोरल फोकल डेफिशियंसी कहते हैं। जो एक लाख बच्चों में से 2 को होने की आशंका रहती है। अब तक इसका कोई इलाज नहीं है। अदम्य विश्वास से भरे जॉबी की पहचान तो कुछ और ही है। वे आर्म रेसलिंग के विश्व चैम्पियन हैं। बैडमिंटन, डिस्कस थ्रो, तैराकी, टेबल-टेनिस में महारत हासिल है। 
देश के पहले मल्टीपर्सन स्पोर्ट्स स्टार: जॉबी मैथ्यू का पूरा घर ट्रॉफी, मैडलों से भरा हुआ है। इन्हें देश का पहला मल्टीपर्सन स्पोर्ट्समैन कहा जाता है। भास्कर रिपोर्टर उपमिता वाजपेयी से फोन पर बातचीत में जॉबी ने बताया-वे अप्रैल में पाकिस्तान जा रहे हैं। एशियन आर्म रेसलिंग चैम्पियनशिप में भाग लेने। कॉन्फिडेंस इतना कि कहते हैं- मैं खेलने नहीं, जीतने जा रहा हूं। ताकि सितंबर में मलेशिया में वर्ल्ड आर्म रेसलिंग की तैयारी परख सकूं। 
इसलिए बनाया हाथों को मजबूत: जॉबी ने बताया-स्कूल में जब बच्चे गेम्स पीरियड में खेलते थे तो मैं गैलरी में खड़े होकर उन्हें देखता रहता था। मेरा भी मन करता था, साथ खेलने को। लेकिन वे मुझ पर हंसते थे। तब मैंने ठान लिया था कि मैं एक दिन चैंपियन बनकर रहूंगा। 10वीं में था, तब जिम ज्वाइन किया। सोचा पैर मजबूत नहीं हुए तो क्या हुआ, बाकी शरीर को मजबूत बनाऊंगा। इसलिए रोज शरीर के ऊपरी हिस्से को मजबूत बनाने के लिए एक घंटे जिम में पसीना बहाता हूं। सुबह पांच बजे उठकर पेरियार नदी में 45 मिनट तक स्वीमिंग करता हूं। फिर पुशअप्स भी। 
इंटरनेट पर सीख खेल: 16 साल का था, जब पहली बार किसी चैम्पियनशिप में खेलने का मौका मिला। जॉबी ने बताया-दोस्तों और इंटरनेट की मदद से ही मैंने इन खेलों के बारे में जाना और सीखा। दोस्तों ने ही मोटिवेट किया और प्रिपेयर भी। वे कहते हैं- मैं कभी खुद को कमजोर नहीं मानता। मैं सुबह 9:30 बजे दफ्तर जाता हूं। कार चलाकर (जिसे शरीर के हिसाब से तैयार करवाया है)। भारत पेट्रोलियम में असिस्टेंट मैनेजर हूं। परिवार में पत्नी मेघा क्लासिकल डांसर है। 5 साल का एक बेटा भी है। 
दोनों पैर कमजोर, बचपन में हाथों के सहारे उतरते थे घर की सीढ़ियां: जॉबी मैथ्यू महज 3 फीट 5 इंच के हैं। बचपन में हाथ के सहारे घर की सीढ़ियां चढ़ते-उतरते थे। स्कूलों में बच्चे हंसी उड़ाते थे। कोई साथ नहीं खेलता था। 
अब हाथों को फौलाद बनाया, देश-दुनिया में 18 इवेंट जीते: एकहाथ के पंजे पर पूरे शरीर का वजन उठा लेते हैं। वर्ल्ड आर्म रेसलिंग सहित अब तक 18 इंटरनेशनल टूर्नामेंट जीत चुके हैं। वो भी बिना किसी कोच, ट्रेनिंग के। 
रणबीर कपूर को दी थी पटकनी: एक टीवी शाे के दौरान जॉबी ने एक्टर रणबीर कपूर को भी पटकनी दे दी थी। हालांकि, यह सिर्फ शो का हिस्सा था। इस शो में एक्ट्रेस प्रियंका चौपड़ा और फरहान खान ने भी जॉबी से आर्म रेसलिंग में जोरआजमाइस की थी। 
खास उपलब्धियां 
  • 2014 पौलेंड में वर्ल्ड ऑर्म रेसलिंग में 2 मेडल
  • 2013 अमेरिका में ड्वार्फ ओलिम्पिक में 5 गोल्ड
  • 2012 स्पेन में वर्ल्ड ऑर्म रेसलिंग में 1 गोल्ड, 2 सिल्वर
  • 2010 इजरायलमें पैरालिम्पिक बैडमिंटन में 1 सिल्वर 
  • 2005 जापान में आर्म रेसलिंग में पहली बार सिल्वर
साभार: भास्कर समाचार
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