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बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए रेवाड़ी के प्राइमरी
स्कूलों के टीचर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू कर रहे हैं। इस अभियान
के तहत ऐसे गांवों को गोद लिया जाएगा, जहां के स्कूलों में गर्ल्स
स्टूडेंट्स का प्रतिशत बहुत कम है। फिलहाल कस्बे के छह गांवों का चयन किया
गया है। मार्च से राजकीय स्कूलों में
दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसे में दाखिले से पहले लोगों को जागरूक
किया जाएगा कि वे बेटियों को पढ़ाने के लिए स्कूल भेजें। अभियान के तहत
प्राईमरी स्कूल के शिक्षक आसपास के घरों में जाकर लोगों को कन्या भ्रूण
हत्या रोकने व बेटी पढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगे। इतना ही नहीं, शिक्षक
इसके साथ कुछ स्कूल के कार्याें को लेकर एक प्लान बनाकर उसे सिरे चढ़ाएंगे।
पुरस्कृत हाेंगे अध्यापक: प्रत्येक
शिक्षक को किसी न किसी गांव को गोद लेना होगा। अगर उस गांव की लड़कियों की
शिक्षा अच्छी होगी तथा लिंगानुपात में लड़कियाें की संख्या ज्यादा होगी तो
ऐसे गांव के मुखिया व उस सराहनीय कार्य के लिए अध्यापक को भी पुरस्कृत
किया जाएगा। श्रीमती संगीता यादव, डीईओ, रेवाड़ी
के अनुसार फिलहाल क्षेत्र के गांव गढी अलावलपुर, मालपुरा, कापडीवास,
हरीनगर, महेश्वरी सहित छह गांवों को गोद लेने के लिए चयन हो चुका है। एजुकेशन
का प्रतिशत बढ़ाने, गांव को गोद लेकर सफाई व्यवस्था बनाए रखने के साथ
लिंगानुपात कम करने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है। गोद लेने के लिए कई गांवाें का
चयन हो चुका है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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