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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के जरिए मोदी सरकार ने एक बार फिर साफ
कर दिया कि शिक्षा और स्वास्थ्य आगे भी इसकी प्राथमिकता में बने रहेंगे।
नवगठित कौशल विकास मंत्रलय की मदद से सरकार युवा शक्ति का लाभ उठाने में भी
कोई कसर नहीं रहने देगी। लोगों को रोग मुक्त बनाने के लिए अगले वर्ष के
दौरान सरकार का जोर उन सभी इलाकों में टीकाकरण की पहुंच बढ़ाने पर रहेगा,
जहां अब तक इसकी पहुंच बहुत कम है। हाल के वर्षो में हुए कुछ अध्ययनों में
आठवीं तक की कक्षाओं में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए
हैं। विज्ञान और गणित जैसे विषयों में खास तौर पर छात्रों को बेहद कमजोर
पाया गया। ऐसे में सरकार ने तय किया है
कि इस पहलू पर विशेष ध्यान दिया
जाएगा। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में खास तौर पर कहा कि ‘मेरी सरकार की
प्राथमिकताओं में सबसे अहम प्राथमिकता शिक्षा है।’ इसी तरह किस इलाके में
कितने स्कूल हैं और किन बस्तियों से ये बेहद दूर हैं, इसकी पहचान के लिए
शुरू किए गए विशेष जीआइएस आधारित तकनीक का आने वाले महीनों के दौरान लाभ
होगा। इस अभियान के जरिए दूरदराज के इलाकों में भी स्कूल की उपलब्धता
सुनिश्चित हो सकेगी। हाल ही में राजीव प्रताप रूढ़ी के नेतृत्व में शुरू
किए गए कौशल विकास मंत्रलय को ज्यादा से ज्यादा सक्रिय करने पर भी मोदी
सरकार की तवज्जो रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी खुद भी कई मौकों पर कह चुके हैं
कि देश की युवा आबादी का लाभ तभी मिलेगा, जब उन्हें हुनरमंद बनाया जाए।
जल्द ही सरकार देश की पहली ‘राष्ट्रीय हुनर विकास और उद्यमिता नीति’ घोषित
करने जा रही है। इसके जरिए भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर के गुणवत्ता मानक
लागू हो सकेंगे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार का सबसे ज्यादा जोर उन
इलाकों तक सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम को पहुंचाने पर होगा, जहां अब तक बहुत
सीमित संख्या में ही बच्चों तक यह पहुंच सका है।
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साभार: जागरण समाचार
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