Monday, February 23, 2015

गीता पढ़ाई जाएगी, लेकिन अभी करना होगा इन्तजार

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भले ही प्रदेश में गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा शिक्षा मंत्री कर चुके हैं, लेकिन अगले शिक्षा सत्र में प्रदेश के दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के छात्र गीता को नहीं पढ़ पाएंगे। अगले एक साल के इंतजार के बाद ही इसको पाठ्यक्रम में शामिल होने का मौका मिल सकेगा। कारण यह कि शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने शिक्षा सत्र 2015-16 के लिए पाठ्य पुस्तकों के प्रकाशन का टेंडर दे दिया है और उसमें गीता शामिल नहीं है। सूत्र बताते हैं कि शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने गत दिवस चंडीगढ़ में हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक
में दसवीं व बारहवीं कक्षा की 5 लाख पाठ्य पुस्तकों का टेंडर एक करोड़ 35 लाख रुपये में छोड़ा है। फर्म को ये पुस्तकें 70 जीएसएम कागज पर ही प्रकाशित करनी होंगी। यह टेंडर दिल्ली की एक फर्म के नाम छूटा है। 1एनसीआरटी निर्धारित करेगा पाठ्यक्रम : सूत्र बताते हैं कि गीता का फिलहाल पाठ्यक्रम ही तैयार नहीं हुआ है। सबसे पहले तो एनसीइआरटी गीता का पाठ्यक्रम तैयार करेगी। इसमें निर्धारित किया जाएगा कि कौन सी कक्षा के छात्रों को क्या कंटेंट पढ़ाया जाना है। एक्सपर्ट से रायशुमारी के बाद पाठ्यक्रम निर्धारित होगा और इसके बाद एनसीइआरटी अंतिम रूप देगी। इस प्रक्रिया के बाद ही पाठ्यक्रम शिक्षा बोर्ड प्रशासन को सौंपा जाएगा और पुस्तकें प्रकाशित करवाई जाएंगी। लेकिन वर्तमान में अगले सत्र की पुस्तकों का टेंडर छोड़े जाने के बाद यह तय हो गया है और आने वाले सत्र में प्रदेश के छात्र गीता का ज्ञान नहीं ले सकेंगे। इस बारे में एक उच्चधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर पुष्टि की है।
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साभार: जागरण समाचार
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