Tuesday, August 8, 2017

सावन रहा सूखा, अब भादो से उम्मीद, आज से दो दिन बारिश की संभावना

छह साल में पहली बार आषाढ़ माह में अच्छी बरसात दर्ज की गई। 220 एमएम बारिश होने से आषाढ़ में गर्मी का असर कम रहा, लेकिन सावन इस बार कुछ सूखा बीत गया। सावन में मात्र 57 एमएम बारिश दर्ज की गई,
जो औसत से कम है। अब भादो माह से उम्मीद है। जिसकी शुरुआत आज से हो रही है, लेकिन इसके साथ मानसूनी बारिश के लिए ऊपरी हवा में चक्रवात भी बन रहा है, जोकि छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश से होते हुए दिल्ली हरियाणा की ओर से बढ़ रहा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अब दो दिन 8 और 9 अगस्त को भारी बारिश की संभावना है। वहीं पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव उत्तर भारत में बना है। सोमवार को भी करनाल, पानीपत, रोहतक समेत कई जिलों में बारिश हुई। 
बारिश के 54 दिन बाकी 
मौसमविशेषज्ञों का कहना है कि मानसून सितंबर के आखिरी सप्ताह में प्रदेश से विदाई लेगा। प्रदेश में जून से सितंबर तक करीब 466 एमएम बरसात होती रही है। यह सामान्य बरसात है। हरियाणा में बारिश कम हुई, लेकिन अभी बरसात के करीब 54 दिन हैं। भरपाई हो सकती है। 
आगे क्या रहेगा मौसम का हाल : बंगालकी खाड़ी में निम्न वायु दाब बना हुआ है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ भी आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में 8 से 10 अगस्त तक कई इलाकों में अच्छी बारिश की संभावना है। जबकि अगले दो से तीन दिनों में छींटे या फिर बारिश के आसार बने हुए हैं। 
कम बरसात के कारण : मौसमवैज्ञानिक डॉ. डीपी दुबे के मुताबिक हर महीने कम से कम दो स्ट्रांग वेदर सिस्टम बनने चाहिए, लेकिन ऐसा होने से कम बारिश हुई है, जोकि कृषि से लेकर मौसम में बनी उमस के लिए जिम्मेदार हैं। इस सीजन में अब सिर्फ दो से तीन ही स्ट्रांग वेदर सिस्टम बना है। इसके अलावा प्रदूषण बढ़ना, पेड़ कटना और वाहन घरों में एसी के प्रयोग से निकलने वाली गर्म हवाएं भी जिम्मेदार हैं। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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