साभार: भास्कर समाचार
हरियाणा सिविल सर्विसिस (एचसीएस) ज्यूडीशियल का पेपर लीक होने के आरोपों के चलते सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्राथमिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी। जस्टिस कुलदीप सिंह ने
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) को सील कवर में अपना एफिडेविट दाखिल कर निर्देश दिए कि परीक्षा का पेपर सेट करने से लेकर एग्जामिनेशन हॉल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी किन अधिकारियों की थी। यह बताया जाए कि पेपर को प्रिटिंग प्रेस में देने की जिम्मेदारी किन अधिकारियों की रही। इस दौरान बताया जाए कि जहां पेपर प्रिंट हुए वहां क्या कोई ऐसे लोग भी थे, जो ड्यूटी पर होते हुए भी वहां रहे। मामले पर 30 अगस्त के लिए सुनवाई तय की गई है। पिंजौर निवासी एक वकील ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले में एफआईआर दर्ज कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। याची के अनुसार डेढ़ करोड़ में पेपर बिक रहा था और इसकी उसे भी पेशकश की गई थी। प्रदेश सरकार ने 20 मार्च 2017 को विज्ञापन देकर 109 एचसीएस ज्यूडिशियल पदों के लिए आवेदन मांगे थे। इसके लिए याची ने भी आवेदन किया था। परीक्षा की तैयारी के लिए याची ने एक कोचिंग सेंटर ज्वाइन किया। सेंटर में उसकी दोस्ती सुशीला से हुई। एक दिन उसने सुशीला से लेक्चर से जुड़ी ऑडियो क्लिप मांगी, जो ऑडियो क्लिप उसे दी गई, उसमें सुशीला किसी दूसरी लड़की सुनीता से बात कर रही थी और डेढ़ करोड़ में नियुक्ति की बात हो रही थी। सुशीला ने याची को छह सवाल भी बताए जो परीक्षा में आने थे। 16 जुलाई को हुई परीक्षा में जैसे ही याची ने प्रश्नपत्र देखा तो वह हैरान रह गई कि जो प्रश्न बताए थे वे सभी परीक्षा में आए हुए थे। इसके बारे में याची ने अपने पति को बताया तो उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस और हाईकोर्ट को प्रशासनिक स्तर पर दी। याचिका में मांग की गई कि मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कराई जाए।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सुनीता और सुशीला का रिजल्ट देखा तो पाया कि सुनीता जनरल कैटेगरी और सुशीला रिजर्व कैटेगरी टॉपर में शामिल हैं। दोनों की आंसरशीट में ही बहुत की कम गलतियां पाई गईं। हाईकोर्ट ने रिजल्ट का रिकार्ड दोबारा सील कर वापस भेज दिया और फिलहाल रिजल्ट घोषित करने के निर्देश दिए हैं।