ठीक एक साल पहले रियो ओलंपिक में देश को चांदी दिलाने वालीं पीवी सिंधु को वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा है। उन्हें रविवार को महिला सिंगल्स फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा ने 21-19, 20-22, 22-20 से हराया। भारत ने 40 साल के चैंपियनशिप के इतिहास में पहली बार दो मेडल जीते हैं। दूसरा मेडल साइना नेहवाल ने जीता। ग्लास्गो में एक घंटे 50 मिनट तक चले मुकाबले में एक-एक अंक की दिलचस्प लड़ाई देखने को मिली। 22 साल की ओकुहारा ने सिंधु के खिलाफ बेहतरीन क्रासकोर्ट शॉट जमाए। उनके स्मैश तो बेहद जबरदस्त थे। उन्होंने इससे कई प्वाइंट बनाए। सिंधु ने शायद इसीलिए लंबे शॉट खेलकर उन्हें पीछे रखने और लंबी रैली में उलझाने की कोशिश की। उनकी यह रणनीति तो कामयाब रही। पर लीड लेकर पिछड़ने की गलती उन पर भारी पड़ गई। वे निर्णायक तीसरे गेम में 19-17 से आगे थीं। यह चैंपियन बनने का बेहतरीन मौका था। पर सिंधु ने लीड गंवा दी। ओकुहारा ने पहले 19-19 और फिर 20-20 की बराबरी करने के बाद 22-20 से मुकाबला अपने नाम कर लिया। सिंधु को तीसरे गेम में 12-12 के स्कोर पर कोर्ट के बाहर ज्यादा समय लगाने के कारण येलो कार्ड भी दिखाया गया।
40 साल की चैंपियनशिप में सात मेडल: वर्ल्ड चैंपियनशिप पहली बार 1977 में हुई थी। पर भारत को पहला पदक 1983 में प्रकाश पादुकोण ने दिलाया। उन्होंने कोपेनहेगन में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। पहला रजत साइना नेहवाल ने 2015 में जीता था।
भारत को महिला सिंगल्स में चीन से ज्यादा मेडल: भारत ने महिला सिंगल्स में दो मेडल जीते। जबकि चीन को सिर्फ एक ब्रॉन्ज मेडल मिला। चीन ने 2011 लंदन वर्ल्ड चैंपियनशिप में आखिरी बार महिला सिंगल्स में दो मेडल (एक गोल्ड, एक ब्रॉन्ज) जीते थे।
साभार: भास्कर समाचार