कई बारहमारे जीवन के सभी कामों की दिशा इस विचार से तय होने लगती है कि लोग क्या कहेंगे। यह इंसान का स्वभाव होता है कि वो अपने हर काम की दूसरों से प्रशंसा और स्वीकृति की उम्मीद करता है। लेकिन अच्छे
आंत्रप्रेन्योर और लीडर हर काम में अप्रूवल की इच्छा पर काबू पा लेते हैं। वे दूसरों की राय का सम्मान करते हैं, लेकिन अपने मन की ज्यादा सुनते हैं। वे इस बात की समझ विकसित कर लेते हैं कि उनके लिए क्या जरूरी है। वे कहां जाना चाहते हैं, क्या हासिल करना चाहते हैं। असल में क्या कहेंगे लोग के भय को दूर करने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आपकी अपनी वैल्यू इस मामले में क्या है। अपने नजरिए पर अच्छे से विचार करेंगे तो दूसरों के विचारों से प्रभावित होना अपने आप कम हो जाएगा। दूसरा तरीका है अपने प्रति बहुत ज्यादा क्रिटिकल नजरियां रखने से भी लोग दूसरों से प्रभावित होने लगते हैं। इस आदत से निकलने का सबसे अच्छा तरीका है यह सोचना कि जिस काम को लेकर आपको लोगों की आलोचना का डर है उसके बारे में यह सोचिए कि इसका सबसे बुरा परिणाम क्या हो सकता है। इससे आपको अपने मन की बात सुनने की ताकत मिलेगी।
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साभार: भास्कर समाचार
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