साभार: भास्कर समाचार
सतलोक आश्रम के मुखिया और कथित संत रामपाल को हिसार कोर्ट ने दो मामलों में बरी कर दिया है। उसके वकील एपी. सिंह ने कहा कि ये सच्चाई की जीत
है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इन दो केस में बरी होने के बाद भी रामपाल जेल से बाहर नहीं आ सकेगा। क्योंकि, उस पर देशद्रोह समेत कुछ और केस भी हैं। इनकी सुनवाई जारी है। लिहाजा, वो जेल में ही रहेगा। बरवाला के सतलोक आश्रम से जुड़े इन मामलों में सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने और रास्ता रोककर बंधक बनाने के आरोप हैं। पुलिस ने समर्थकों से निपटने की कर रखी है तैयारी:
है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इन दो केस में बरी होने के बाद भी रामपाल जेल से बाहर नहीं आ सकेगा। क्योंकि, उस पर देशद्रोह समेत कुछ और केस भी हैं। इनकी सुनवाई जारी है। लिहाजा, वो जेल में ही रहेगा। बरवाला के सतलोक आश्रम से जुड़े इन मामलों में सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने और रास्ता रोककर बंधक बनाने के आरोप हैं। पुलिस ने समर्थकों से निपटने की कर रखी है तैयारी:
- मंगलवार को हिसार कोर्ट में रामपाल से जुड़े केस में सुनवाई हुई। ये केस नंबर थे 426 और 427
- कोर्ट ने इन दोनों केस में रामपाल को बरी कर दिया। लेकिन, इस कथित संत के जेल से बाहर आने की फिलहाल कोई वजह नहीं है।
- रामपाल पर देशद्रोह जैसा बड़ा और संगीन केस चल रहा है। लिहाजा, वो जेल में ही रहेगा। इस मुकदमे में 28 अगस्त को जेल में लगी अदालत में वह पेश हुआ था। एक हत्या के केस भी है।
रामपाल पर हत्या का मामला क्यों:
- 2006 में रामपाल ने एक धार्मिक किताब पर टिप्पणी की थी। इसके बाद रामपाल समर्थकों और उस वर्ग के समर्थकों में हिंसक झड़पें हुई। एक महिला की मौत हो गई थी। बाद में रामपाल को गिरफ्तार किया गया। वो करीब 22 महीने जेल में रहा। ये केस रामपाल पर चल रहा है।
- 2014 में कोर्ट ने कई समन भेजे पर रामपाल पेश नहीं हुआ। कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी के आदेश दिए।
देशद्रोह का केस क्यों?
- जब रामपाल कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने कई दिन की मशक्कत के बाद उसे अरेस्ट किया। इस दौरान रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ।
- गिरफ्तारी के बाद रामपाल पर सरकारी काम में दिक्कत पैदा करने, लोगों को बंधक बनाने और देशद्रोह का केस दर्ज किया। रामपाल के आश्रम से कई आपत्तिजनक चीजें भी बरामद की गई थीं।
आश्रम में कैसे हुई थीं हिंसा?
- दरअसल, रामपाल को कोर्ट ने कई बार 2006 के मर्डर केस में पेश होने के लिए समन भेजे। रामपाल ने इनका जवाब भी नहीं दिया और कोर्ट के सामने पेश भी नहीं हुआ। इसके बाद, हिसार कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी के आदेश दे दिए।
- रामपाल के आश्रम में कई हजार समर्थक थे। ये आश्रम की छत पर जमा हो गए। पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स रामपाल को गिरफ्तार करने पहुंची। फोर्स पर पथराव हुआ। सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की। 19 नवंबर को रामपाल को गिरफ्तार किया जा सका। आश्रम की तलाशी में कई हथियार बरामद किए गए। समर्थकों की पत्थरबाजी में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के कई जवान घायल हो गए थे।
कौन है रामपाल?
- सोनीपत के धनाणा गांव में 1951 को जन्मा रामपाल हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर था।
- इसके बाद नौकरी छोड़कर रामपाल ने रोहतक के करोंथा गांव में सतलोक आश्रम बनाया। यहां विवाद हुआ तो उसने हिसार के बरवाला में अपना आश्रम बना लिया।
- इसके बाद रोहतक अदालत में चल रहे करौंथा कांड मामले में रामपाल पेश नहीं हो रहा था। मामले को हाईकोर्ट भेज दिया गया। हाईकोर्ट में रामपाल पेश नहीं हुआ।
- सीएमओ से मेडिकल भेज दिया गया था। लगातार गैर हाजिर होने पर हाईकोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किए थे।
- 16 नवंबर 2014 को पुलिस और प्रशासन को पेश होने का भरोसा दिलाया, मगर फिर पेश होने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने 17 नंवबर 2014 को आश्रम को घेरकर कार्रवाई की थी। इस समय रामपाल के समर्थक आश्रम के अंदर थे।
- पुलिस बल के बावजूद रामपाल को इसलिए गिरफ्तार नहीं किया जा सका क्योंकि प्रशासन को डर था कि कहीं पिछले साल जैसी हिंसा फिर न भड़क उठे। तब संत रामपाल के अनुयायियों और आर्य समाजियों के बीच हिंसा में पुलिस जवानों समेत 120 लोग घायल हुए थे, जबकि एक शख्स की मौत हो गई थी। इस मामले में उस पर देशद्रोह का मामला चल रहा है।