दुष्कर्मी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के गुंडों की हिंसा पर शनिवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को फिर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, 'हरियाणा सरकार ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए पंचकूला को जलने के लिए
छोड़ दिया। डेरा के सामने सरेंडर कर दिया है।' जस्टिस एसएस सारों, सूर्यकांत और अवनीश झिंगन की बेंच में केंद्र की ओर से एडिशनल सॉलीसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने दलील दी। उन्होंने कहा, 'ऐसी हिंसा दूसरे दलों द्वारा शासित राज्यों में भी होती रही हैं।' इस पर जज बोले, 'जिस तरह प्रधानमंत्री भाजपा के नहीं, देश के हैं, उसी तरह आप भी देश के एएसजी हैं, भाजपा के नहीं। क्या हरियाणा भारत का हिस्सा नहीं है? फिर सौतेला बर्ताव क्यों?' कोर्ट की 3 दिन में यह छठी सुनवाई थी।
कोर्ट ने मुख्यमंत्री से कहा: 'सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद आपने कहा कि डेरा प्रेमियों में घुसकर असामाजिक तत्वों ने हिंसा की है। पर जब वे पंचकूला में जुट रहे थे, तब आप यह बात क्यों नहीं समझ पाए?'
सरकारी वकील ने कहा, 'राम रहीम के काफिले में 5 गाड़ियां थीं।' जज बोले, 'आप कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं। काफिले में 100 से ज्यादा गाड़ियां थीं। उस अधिकारी का नाम बताइए, जिसने आपको गलत जानकारी दी।'
सरकारने कहा: 'धारा-144का गलत नोटिफिकेशन जारी करने वाले पंचकूला के डीसीपी को सस्पेंड कर दिया।'
जज बोले, 'अधिकारी बलि का बकरा बना है। राजनीतिक लाभ के लिए प्रशासनिक फैसले पंगु हुए।'
और ये निर्देश: डेरे की संपत्तियों की सूची दें। तब तक कोई संपत्ति बेची नहीं जाएगी। डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय खाली कराया जाए।
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साभार: भास्कर समाचार
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