विवादितमीट एक्सपोर्टर मोइन कुरैशी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार देर रात दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने पूछताछ के लिए मोइन को दिल्ली बुलाया था। इसमें सहयोग नहीं करने पर ईडी अधिकारियों ने देर रात यह कार्रवाई की। उसे शनिवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। जहां अदालत ने उसे 31 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। जांच एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मोइन के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं। इसके बाद ईडी अधिकारी कई बार कुरैशी से पूछताछ कर चुके थे। रिपोर्ट के मुताबिक इस साल दर्ज एफआईआर में मोइन के साथ सीबीआई के पूर्व निदेशक एपी सिंह का भी नाम शामिल है। इससे पहले ईडी ने 30 सितंबर 2015 में आयकर विभाग की एक शिकायत के आधार पर कुरैशी के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। उस पर 200 करोड़ रुपए की मनी लान्ड्रिंग का आरोप है। वह हवाला एजेंट्स के जरिए दुबई, पेरिस, लंदन, अमेरिका, हांगकांग, इटली और स्विटजरलैंड पैसा भेजा करता था। मामले की जांच के दौरान आयकर विभाग ने पाया था कि कुरैशी के पास 11 बैंक लॉकर हैं। ये सभी लॉकर उसके कर्मचारी और साथियों के नाम पर हैं। लेकिन असल में इन लॉकर का सीधा ताल्लुक कुरैशी से था। उस पर टैक्स चोरी और भ्रष्टाचार जैसे आरोप भी हैं। इनकी जांच आयकर विभाग और सीबीआई कर रही है। आयकर विभाग 2015 में बने कालेधन की घोषणा संबंधी नए कानून के तहत यह जांच कर रहा है। विभाग का आरोप है कि कुरैशी ने नए कानून के तहत विदेश में मौजूद अपनी और अपने परिवार के स्वामित्व वाली कई संपत्तियों का खुलासा नहीं किया है।
ईडी ने इस साल 20 मार्च को कुरैशी से जुड़े हवाला कारोबारियों के यहां छापेमारी की थी। इसमें धर्मेंद्र सिंह आनंद और अन्य के खिलाफ हुई कार्रवाई में तीन करोड़ रुपए से अधिक नकदी बरामद हुई थी। इसमें विदेशी मुद्रा भी शामिल है।
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साभार: भास्कर समाचार
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