Saturday, August 5, 2017

अरुणाचल पर चीन के दावे का कोई अर्थ नहीं: चीनी विशेषज्ञ


चीन के एक रणनीतिक विश्लेषक वांग ताओ ताओ ने अरुणाचल प्रदेश के साथ चीन के 'राष्ट्रीय जुनून' पर सवाल उठाए और कहा कि यह राज्य देश के लिए खास महत्वपूर्ण नहीं है और देश के लिए कोई विशिष्ट
'संपत्ति' नहीं है। चीन अरुणाचल प्रदेश को 'दक्षिण तिब्बत' मानकर उसपर दावा करता है। वांग ने चीनी वेबसाइट 'जहीहू डॉट कॉम' के लिए लिखा, भारत और चीन के बीच सीमा-विवाद निरर्थक है क्योंकि यह विवादित इलाका ऐसा है जहां भारत और चीन दोनों के लिए सिर्फ विकास करना मुश्किल है, बल्कि इलाके की आर्थिक, राजनीतिक और मैनेजमेंट पर लागत बहुत ही ज्यादा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अरुणाचल मुद्दे पर किसी भी बड़े विवाद का बाकी तिब्बत पर बुरा असर पड़ेगा और इससे अलगाववादी ताकतों को बल मिलेगा। वांग ने तिब्बत को लेकर चीन की नीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने लिखा कि तिब्बत में अलगाववाद अब पहले से ज्यादा ताकतवर हो गया है। वांग ने कहा कि चीन तिब्बत के पहचान से जुड़े मुद्दों का पूरी तरह ख्याल रखने में नाकाम रहा है।
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साभार: भास्कर समाचार 
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