Sunday, May 14, 2017

बेनजीर की बेटी बोलीं- मेरे देश में आतंकी खुले घूम रहे, रमजान में पानी पीने पर जेल भेज देते हैं

पाक की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की बेटी बख्तावर भुट्टो जरदारी ने एहतराम-ए-रमजान कानून का विरोध किया है। बख्तावर ने रमजान में पानी पीने पर सजा देने की रवायत और आतंकवादियों के खुलेआम घूमने को ढोंग
बताया है। उन्होंने शुक्रवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर पाक सरकार की कट्टरपंथी सोच को हास्यास्पद बताते हुए लिखा, ये इस्लाम नहीं है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बख्तावर ने और क्या कहा, पढ़िए पूरी बात- 
मेरे पाकिस्तान में ढोंग चल रहा है। यहां आतंकवादी तो खुलेआम घूम सकते हैं, लेकिन रमजान के दौरान पानी पीने वालों को जेल में डाल दिया जाता है। हम रमजान के दौरान अपनी जरूरतों को रोके रखने के काबिल हैं। पर हर किसी के लिए ये मुमकिन नहीं है। स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और ऐसे लोग जो कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। क्या हमें उन्हें भी पानी पीने के लिए गिरफ्तार करना चाहिए..? रोजा रखना इस्लाम के पांच पिलर्स में से एक है। ये हम सभी के लिए एक जरूरी काम है, पर अपने आसपास हर किसी को जेल में डालना कहां का कानून है? इस्लाम में तो ऐसा नहीं है। 
आतंकवादी होने या फिर मलाला जैसी स्कूली बच्ची को मारने की कोशिश करने पर भी आप टीवी पर मुस्कुराते हुए दिख सकते हैं, लेकिन रमजान में पानी पीने पर आपको 3 महीने के लिए जेल में डाल दिया जाता है। ये कट्‌टरपंथी कानून है। देश में गर्म हवाओं के चलने और पानी की कमी के चलते लोगों की जान जा रही है। हर कोई रमजान में रोजा नहीं रख सकता है। ये इस्लाम नहीं है।' 
बख्तावर के ट्वीट पर एक व्यक्ति ने कमेंट में लिखा कि रोजा रखना इस्लामिक कानून है। इसका जवाब देते बख्तावर ने कहा, रोजा रखना हमारा एक जरूरी दायित्व है, पर कानून कहां से है। 
क्या है एहतराम-ए-रमजान कानून: 1981में जिया-उल-हक सरकार ने पाकिस्तान में एहतराम-ए-रमजान कानून बनाया था। इसमें रमजान के दौरान खुलेआम खाने या फिर स्मोक करने पर 500 पाकिस्तानी रु. का जुर्माना लगाया जाता था। बुधवार को पाकिस्तानी संसद ने इस कानून में बदलाव करते हुए जुर्माने की रकम बढ़ा दी। अब रमजान में कानून तोड़ने पर होटल्स और रेस्त्रां मालिकों को 500 की जगह 25 हजार रुपए जुर्माना देना होगा। टीवी चैनल्स और सिनेमा मालिकों को कानून तोड़ने पर 5 लाख रु. का जुर्माना लगेगा। इसके लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था। धार्मिक मामलों के मंत्री पीर अमीन उल हसनत शाह ने सुझाव दिया था कि इस पवित्र माह में पूरे देश में सिनेमा बंद कर दिया जाना चाहिए। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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