भारत सशस्त्र सेना के आकार के आधार पर दुनिया में तीसरे नंबर पर है और पिछले कुछ वर्षों में रक्षा पर सरकारी खर्च में लगातार वृद्धि हुई है। रक्षा उत्पादन में विदेशी निवेश में भी इजाफा हुआ है। इसके बावजूद
फिलहाल सेना के तीनों अंगों में तकनीकी और गैर तकनीकी स्टाफ की कमी है। ऐसे में इस क्षेत्र में जॉब के इच्छुक युवाओं के लिए यह अच्छा अवसर हो सकता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सेना चाहे वह किसी भी देश की हो, उसे देश की बैकबोन कहा जाता है। भारतीय सेना के तीन भाग हैं - थल सेना, नाैसेना और वायु सेना। इन तीनों में ही बड़ी संख्या में युवाओं की जरूरत होती है क्योंकि यह देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में यह उन युवाओं के लिए कॅरिअर का एक बेहतर विकल्प हो सकता है, जो देश की सुरक्षा में अपना योगदान देना चाहते हों। एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में देश में अार्म्ड फोर्सेस में करीब 55 हजार स्टाफ की कमी है। इसमें से करीब 41 फीसदी पद टेक्निकल और 44 फीसदी नॉन टेक्निकल क्षेत्र में रिक्त हैं। देश के डिफेंस क्षेत्र की बात की जाए, तो भारत में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सशस्त्र सेना है। हालांकि डिफेंस की 60 फीसदी से ज्यादा जरूरतों की भरपाई आयात के माध्यम से की जाती है इससे इस क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग की बेहतर संभावनाएं हैं। इसमें विदेशी निवेश के लिए 100 फीसदी मंजूरी होने से निवेश की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।
छात्र भारतीय सेना में टेक्निकल और नॉन टेक्निकल दोनों स्ट्रीम में कॅरिअर बना सकते हैं। इसमें सुरक्षा बलों के साथ-साथ विभिन्न तकनीकी विभाग जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, कंप्यूटर साइंस या अन्य इंजीनियरिंग विभागों में स्टाफ की जरूरत होती है। हालांकि तकनीकी और गैर तकनीकी दोनों ही स्ट्रीम में फिटनेस के मानकों पर खरा उतरना अनिवार्य होता है। रक्षा सेवाओं में भर्ती के लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिनके माध्यम से छात्र इस क्षेत्र में प्रवेश ले सकते हैं।
सीडीएस - कम्बाइंड डिफेंस सर्विस: यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है। थल सेना अकादमी में प्रवेश के लिए बैचलर डिग्री और मैथ्स फिजिक्स विषयों के साथ 12वीं की परीक्षा अनिवार्य होती है। जबकि नौसेना अकादमी के लिए बीई या बीटेक कर चुके छात्र आवेदन कर सकते हैं। वायुसेना अकादमी में प्रवेश के लिए किसी भी स्ट्रीम से बैचलर डिग्री और फिजिक्स मैथ्स विषयों से 12वीं की परीक्षा पास करना आवश्यक होता है। वहीं तीनों अकादमी में प्रवेश के लिए अलग-अलग उम्र सीमा निर्धारित की गई है। इंडियन मिलिट्री एकेडमी में प्रवेश के लिए 19 से 24 वर्ष, इंडियन नेवल एकेडमी में 19 से 22 वर्ष और इंडियन एयर फोर्स एकेडमी में प्रवेश के लिए 20 से 24 वर्ष की आयु के छात्र आवेदन कर सकते हैं।
एनडीए - नेशनल डिफेंस एकेडमी: यह परीक्षा भी साल में दो बार आयोजित की जाती है। 12वीं पास कर चुके छात्र इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। आर्मी के लिए किसी भी स्ट्रीम से 12वीं करने वाले छात्र आवेदन कर सकते हैं, जबकि एयर फोर्स और नेवी के लिए 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स होना जरूरी है। इसमें छात्रों को 3 वर्ष एनडीए में ट्रेनिंग मिलती है। इसके बाद एक वर्ष या डेढ़ वर्ष के लिए किसी एक सेना अकादमी में ट्रेनिंग दी जाती है।
टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स एंट्री: तीनों सेनाओं के लिए इसकी योग्यता अलग-अलग है। इसके माध्यम से मेल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट इंडियन आर्मी में सीधे एंट्री ले सकते हैं। हर वर्ष आर्मी इस एंट्री के लिए इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून के माध्यम से आवेदन मंगाती है। इसमें बीई या बीटेक कर चुके छात्र या फाइनल ईयर के छात्र आवेदन कर सकते हैं। इंडियन नेवल फोर्स में टीजीसी एंट्री के लिए भी योग्यता जरूरी है। वहीं एयर फोर्स में टीजीसी एंट्री के लिए 60 फीसदी अंकों के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल या अन्य संबंधित स्ट्रीम से बीई या बीटेक करना जरूरी है।
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साभार: भास्कर समाचार
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