दक्षिण कोरिया में मंगलवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार मून जाए-इन के जीतने की पूरी संभावना है। चुनाव बाद तीन टीवी नेटवर्कों के सर्वेक्षणों के मुताबिक उन्हें 41.4 प्रतिशत तथा उनके
मुख्य प्रतिद्वंद्वी होंग जून-प्यो को 23.3 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। चुनाव मैदान में कुल 13 उम्मीदवार थे। इसके साथ ही दक्षिण कोरिया में एक दशक पुराने कंजर्वेटिव शासन का अंत हो जाएगा। नया राष्ट्रपति पार्क गुन हे की जगह लेगा, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में महाभियोग चला कर संसद ने बर्खास्त कर दिया था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आधिकारिक रूप से परिणाम घोषित होने के बाद मून बुधवार को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। उसके बाद वे प्रधानमंत्री नियुक्त करेंगे जो मंत्रिपरिषद बनाएंगे। प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को नियुक्ति की पुष्टि के लिए संसद की मंजूरी लेनी होगी दक्षिण कोरिया के परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया के साथ मौजूदा तनाव की पृष्ठभूमि में यह चुनाव हुआ है। देश के वोटर पार्क गुन हे के सत्ता के दुरुपयोग और कथित रिश्वत लेने के मामले से क्रोधित हैं। रोजगार की कमी और विकास की धीमी रफ्तार से भी युवा वर्ग नाराज रहा। वामपंथी रुझान वाले 64 साल के मून जाए-इन मानव अधिकार मामलों के प्रमुख वकील हैं। वे उत्तर कोरिया से आए शरणार्थी के पुत्र हैं। 1970 के दशक में विद्यार्थी रहते तत्कालीन शासक पार्क चुंग ही के खिलाफ आंदोलन करने के कारण जेल में भी रहे थे। वे 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में पार्क गुन हे से हार गए थे। चुनाव पूर्व के गैलप पोल में उनके पक्ष में 38 प्रतिशत वोट बताए गए थे। दूसरे नंबर पर 38 प्रतिशत वोटों के साथ पूर्व टैक मुगल आन चेओल-सू रहे।
मैं महसूस कर रहा हूं कि लोगों में सरकार बदलने की जबरदस्त इच्छा है। अगर हमें वोट मिले तो हम इसे हकीकत में बदल देंगे।' - मून जाए-इन (डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार)
क्या आशंकाएं: उ.कोरिया के साथ आर्थिक संबंध पहले की तरह कायम होंगे जिससे वह धन लेकर हथियारों का जखीरा विकसित और जमा करेगा।
संरा महासचिव चुनाव लड़ने से पीछे हटे: संयुक्तराष्ट्र महासचिव पद से हटने के बाद बान की मून ने कहा था कि वे राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे। लेकिन वे सत्तारूढ़ पार्टी से लड़ने वाले थे। तभी राष्ट्रपति पार्क के खिलाफ हुए माहौल, उन पर चले महाभियोग और लगातार घटती लोकप्रियता के कारण बान की मून को जीत असंभव लगी और उन्होंने चुनाव लड़ने की घोषणा की।
- मून चाहते हैं उत्तर कोरिया से तनाव दूर करने के लिए बातचीत शुरू की जाए
- मून उ. कोरिया की यात्रा कर सकते हैं
- सैमसंग और ह्युंदई जैसी कंपनियां नई नौकरियां पैदा करने के लिए आगे आएं
- उ. कोरिया के मामले में चीन,अमेरिका की पहल का इंतजार नहीं होगा
- राष्ट्रपति ट्रम्प से कहेंगे कि उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रलाप बंद करें
- नई सरकार तय करेगी अमेरिका मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात करे या नहीं
- अमेरिका की फ्री ट्रेड एग्रीमेंट खत्म करने की धमकी से निपटना होगा
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साभार: भास्कर समाचार
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