इस गांव की खुद की वेबसाइट है, जिससे दुनियाभर के लोग गांव की जानकारी ले सकते हैं। प्रत्येक ग्रामीण की जानकारी देती डायरेक्टरी है। पर्यावरण संरक्षण के लिए 8 एकड़ में 11 हजार पौधे लगाए गए हैं और पंचायत की अपनी एंबुलेंस है, जिससे वे मरीजों को
अस्पताल पहुंचाते हैं। छत्तीसगढ़ में कबीरधाम जिले का रणवीरपुर गांव तरक्की की रेस में तेजी से दौड़ रहा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। यह गांव प्रेरणा और सबक दोनों है, उन गांवों के लिए जो अपनी तरक्की के लिए दूसरों की ओर ताकते हैं। यहां के सभी 400 घरों में शौचालय है, यह जिले का पहला ओडीएफ गांव भी है। इस गांव की गतिविधियों की अॉनलाइन कहीं से भी वेबसाइट के जरिए देखी जा सकती हैं। गूगल पर http://gramranveerpur.com/ टाइप करते ही गांव का पेज खुल जाता है, जिस पर गांव के इतिहास से लेकर पूरा विवरण, गांव की उपलब्धियां, गांव में काम करने वाली समितियां, गैलरी, केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी के साथ सांसद से संबंधित जानकारी भी लोग देख सकते हैं।
पंचायत चलाती है एंबुलेंस: रणवीरपुर के सरपंच बसंत बोहरा बताते हैं कि इस गांव के पास अपनी एंबुलेंस भी है। ये एंबुलेंस उन्हें दान में मिली थी। पहले तो इसकी देखरेख करना बोझ लगा लेकिन लोगों की सुविधा देखते हुए जनप्रतिनिधि अपनी जेब से दो साल से एंबुलेंस चलवा रहे हैं। जिसको एंबुलेंस की जरूरत होती है वो सरपंच के पास फोन करता है। वहां से उसे सुविधा मिल जाती है।
आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने लगाए मुनगा के पौधे: पंचायत ने यह भी तय किया कि वे सिर्फ गांव की आबोहवा साफ रखेंगे, बल्कि भविष्य में पंचायत की आर्थिक स्थिति मजबूत हो ऐसी व्यवस्था भी करेंगे। गांव ने अपनी जमीन को अतिक्रमण से बचाने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बड़ा कदम उठाया। इसी साल पंचायत के करीब 8 एकड़ जमीन पर 11000 पौधे रोपकर नर्सरी तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा पहले भी ग्रामीणों ने 700 मुनगा के पौधे गांव की जमीन पर रोपे हैं। इसके फल बेचे जाएंगे और रकम विकास कार्यों में इस्तेमाल की जाएगी।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.