Monday, November 14, 2016

आने वाला समय डिजिटल पेमेंट का: हर साल 20 लाख नई नौकरियां

हाल ही में भारत सरकार ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद कर 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी करने का फैसला लिया। सरकार के इस कदम को कैशलेस पेमेंट की तरफ बढ़ाए गए कदम के रूप में भी देखा जा
रहा है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में स्मार्टफोन और इंटरनेट की लोगों तक पहुंच बढ़ने से डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री भी तेजी से बढ़ी है। ई-रिचार्ज, मोबाइल वॉलेट और ऑनलाइन पेमेंट जैसी चीजें आज के समय में खासकर शहरों में आम हो गई हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। डिजिटल पेमेंट के बढ़ते उपयोग से इस नए क्षेत्र में नई नौकरियों की संभावनाएं बढ़ी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक यदि डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री भारत में इसी तेजी से अागे बढ़ती रही, तो इससे विभिन्न सेक्टर में 2025 तक करीब 2.1 करोड़ नए लोगों को रोजगार मिलने के अवसर होंगे। 
इसी वर्ष आई एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक भारतीय लोग कुल 500 अरब डॉलर तक की पेमेंट डिजिटल इंस्ट्रूमेंट की मदद से करेंगे और जीडीपी में इसकी 15 फीसदी की हिस्सेदारी होगी। वहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2023 तक कैश ट्रांजेक्शन की बजाय नॉन कैश ट्रांजेक्शन की संख्या ज्यादा होगी। 2020 तक भारत में इंटरनेट उपयोग करने वाले लगभग 50 फीसदी लोग डिजिटल पेमेंट का उपयोग करेंगे। एसोचैम द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल भारत में 3 अरब मोबाइल ट्रांजेक्शन होते हैं और 2022 तक 90 फीसदी की सालाना दर से बढ़कर इनकी संख्या 153 अरब हो जाएगी। 2020 तक मोबाइल ट्रांजेक्शन की कीमत 150 गुना बढ़कर 2 हजार ट्रिलियन रुपए की हो जाएगी, जो वर्तमान में सिर्फ 8 ट्रिलियन रुपए है। 
रिटेल सेक्टर के विस्तार और इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल से डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री भी तेजी से बढ़ रही है। अलग-अलग सेक्टर में इसकी उपयोगिता के चलते 2025 तक 2 करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए यह रोजगार का जरिया बन सकता है। 
किसी भी स्ट्रीम के छात्र ले सकते हैं प्रवेश: इस क्षेत्र में जॉब के लिए छात्र 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद एंट्री ले सकते हैं। किसी भी स्ट्रीम से 12वीं करने वाले छात्र संबंधित कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। 12वीं के बाद बैंकिंग और फाइनेंस के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। बैचलर डिग्री करने के बाद एमबीए कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके जरिए छात्रों को स्पेशलाइजेशन कोर्स करने का फायदा होता है। प्रोफेशनल भी एग्जीक्यूटिव कोर्स के जरिए इस नए क्षेत्र में कॅरिअर बना सकते हैं। 
एक से ज्यादा सेक्टर में कर सकते हैं जाॅब: डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री का दायरा लगभग सभी सेक्टर तक फैला हुआ है। इसलिए छात्र विभिन्न सेक्टर में डिजिटल पेमेंट से जुड़ी जॉब के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा ज्यादा स्पेशलाइज्ड क्षेत्र के लिए बैंकिंग या रिटेल सेक्टर में जॉब की जा सकती है। मोबाइल वॉलेट या पेमेंट गेटवे की कंपनियों में जॉब की ज्यादा संभावनाएं होती हैं। 
सेक्टर के अनुसार अलग हो सकती है कमाई: इस डिजिटल पेमेंट में सेक्टर के अनुसार सैलरी अलग-अलग हो सकती है। फ्रेशर को शुुरुआत में प्रति माह 15 से 20 हजार रुपए मिलने की संभावना होती है। कुछ वर्ष के अनुभव के बाद सैलरी पैकेज 30 से 35 हजार रुपए प्रति माह तक हो सकता है। गवर्नमेंट सेक्टर में भी अच्छा सैलरी पैकेज मिल सकता है। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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