Sunday, March 6, 2016

हरियाणा सरकार बजट सत्र में ही लेकर आएगी 'जाट आरक्षण बिल'

हरियाणा सरकार पूरी तरह से जाट संगठनों के दबाव में है। सरकार ने गैर जाट मंत्रियों और विधायकों की परवाह किए बिना इसी बजट सत्र में जाट आरक्षण बिल लाने का एलान कर दिया है। सरकार ने जाट आरक्षण बिल का प्रारूप तय करने के लिए सर्वदलीय कमेटी बनाने की भी पेशकश की है। इस कमेटी द्वारा तैयार किए
जाने वाले आरक्षण बिल के प्रारूप को सरकार विधानसभा में बिना किसी चर्चा के पास करने तक को राजी हो गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। राज्य में हुए उपद्रव के बाद फिर से जाट संगठनों द्वारा आंदोलन की रणनीति बनाने के मद्देनजर सरकार की यह घोषणा काफी मायने रखती है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बाद चंडीगढ़ पहुंचे मुख्यमंत्री ने इसी बजट सत्र में जाट आरक्षण बिल लाने की घोषणा की है। 
राज्य में हिंसा व आगजनी से गुस्साए गैर जाट मंत्रियों व विधायकों ने सरकार पर इस बजट सत्र में जाट आरक्षण बिल नहीं लाने का दबाव बनाया हुआ था। जाट संगठनों को भी लगने लगा था कि सरकार मौजूदा बजट सत्र में बिल लाने को गंभीर नहीं है। लिहाजा राज्य भर के जाट व खाप संगठनों ने लामबंदी शुरू कर दी थी। सीआइडी से सरकार के पास खबरें पहुंच रही हैं कि जाट आरक्षण को लेकर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य में जाट आरक्षण आंदोलन की भनक लगते ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार को सामने आए और उन्होंने आरक्षण पर अपनी सरकार की नीति स्पष्ट कर दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जाट आरक्षण बिल लाने का जो वादा किया था, उसे इसी बजट सत्र में पूरा किया जाएगा। इसमें कोई दो-मत नहीं है। सरकार जाट समुदाय को आरक्षण देने के पूरी तरह से पक्ष में है। 
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साभारजागरण समाचार 
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