Monday, May 18, 2015

निंदनीय: शान्ति-पूर्वक प्रदर्शन कर रहे अतिथि अध्यापकों पर पुलिस का कहर

न आरएएफ फोर्स की रणनीतियां कामयाब हुई न जिला पुलिस और सीआईडी की खुफिया जानकारी किसी काम आ पाई। अतिथि अध्यापकों ने सीएम सिटी में पुलिस के समस्त बंदोबस्तों पर रविवार को सवालिया निशान खडे़ कर दिए। दरअसल सीएम कैंप कार्यालय तक जाने के तमाम रास्तों को पुलिस ने अभेद्य किया हुआ था। साथ ही शहर के भीतर अतिथि अध्यापकों के प्रवेश पर पाबंदी भी थी। बावजूद इसके प्रदेशभर के अतिथि
अध्यापकों शहर के भीतर प्रवेश करते हुए पुलिस के कई नाकों को भेद दिया और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तक पहुंच गए। यदि ऐसा नहीं होता और इन अतिथि अध्यापकों को यहां पहुंचने से पहले ही रोक लिया जाता तो शायद रविवार शाम अतिथि अध्यापकों पर लाठी चार्ज करने की नौबत नहीं आती। दरअसल 10 दिनों से सीएम सिटी में महापड़ाव पर बैठे अतिथि अध्यापकों के सब्र का बांध रविवार को टूट गया। करनाल में डेरा जमाए बैठे अतिथि अध्यापकों से सरकार के किसी भी प्रतिनिधि द्वारा बात तक नहीं किए जाने से गुस्साए अतिथि अध्यापकों ने रविवार को गांधीगिरी छोड़कर सीएम कैंप कार्यालय के घेराव की योजना बनाई। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शाम करीब 4 बजे सेक्टर-12 में महापड़ाव से उठाकर अतिथि अध्यापक शहर की कॉलोनियों के बीच से होते हुए बस स्टैंड के पास पहुंचे यहां से होते हुए गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल तक पहुंच गए और पुलिस व अतिथि अध्यापकों के बची खूब तनातनी हुई।
गांधीगिरी को छोड़ने पर सरकार ने कर दिया विवश: 9 मई से सीएम सिटी में महापड़ाव पर बैठे अतिथि अध्यापकों ने 20 के 10 दिन एक भी कार्य ऐसा नहीं किया कि पुलिस को लाठीचार्ज करने या कोई अन्य कार्रवाई करने का मौका मिले। सड़क पर झाड़ू, मौन मार्च, रोष मार्च, सिर मुंडवाना, भीख मांगना, रक्तदान, बूट पॉलिश, क्रमिक भूख हड़ताल व रक्त से प्रधानमंत्री व अमित शाह के नाम पत्र लिखकर हर दिन अतिथि अध्यापकों ने गांधीगिरी से काम लिया, लेकिन सरकार के किसी भी प्रतिनिधि ने उनके साथ बातचीत करना जरूरी नहीं समझा। लिहाजा 10वें दिन अतिथि अध्यापकों को मजबूरी में गांधीगिरी को छोड़ना पड़ा। सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा के प्रेस प्रवक्ता वजीर सिंह व अध्यापक संघ के विजय दहिया इस लाठीचार्ज में गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसके साथ हरियाणा राजकीय अध्यापक सर्वकर्मचारी संघ के चेयरमैन कुलभूषण शर्मा, अतिथि अध्यापकों के प्रधान राजेंद्र शास्त्री, उपाध्यक्ष कुलदीप झरौली भी लाठीचार्ज में घायल हुए। इसके अलावा अन्य संघ की केंद्रीय कमेटी के नेता बलबीर सिंह, सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा जिला भिवानी के प्रधान सुखदर्शन, अध्यापक नेता विजय दहिया व बलबीर सिंह समेत कर्मचारी शामिल हैं। उनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया कि वे गिरफ्तार किए गए हैं या कहीं और ले जाए गए हैं। संघ की प्रदेश उपाध्यक्ष सविता व जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंहमार ने बताया कि रविवार को प्रशासन को सूचना के बावजूद गेस्ट टीचर रैली कर रहे हैं, जिसमें बिना चेतावनी दिए, बिना कारण पुलिस ने बर्बतापूर्वक लाठीचार्ज किया। पुरुष कर्मचारी ट्रामा सेंटर में इलाज करा रहे हैं और कुछ अन्य कर्मचारी जो गंभीर रूप से घायल थे, उनका यह पता नहीं चल पाया कि वे किस अस्पताल में गए हैं।
अतिथियों के उठाते ही उखाड़ दिया पुलिस ने टेंट: 10 दिनों से पुलिस अतिथि अध्यापकों की कमी को ढूंढ रही थी, लेकिन अतिथि अध्यापक एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रख रहे थे। रविवार को अतिथि अध्यापकों ने जैसे ही गांधीगिरी छोड़ी तो पुलिस को बहाना मिल गया और सबसे पहले पुलिस ने अतिथि अध्यापकों का महापड़ाव के दौरान लगाया गया टेंट उखाड़ डाला।
सीएम का 20 मई को था कार्यक्रम: अतिथि अध्यापकों को उठाने के लिए भी पुलिस ने कुछ उकसाया। चूंकि 20 मई को सीएम ने करनाल में आना था। इस दौरान हंगामे की संभावनाओं को देखते हुए पहले ही पुलिस ने अतिथियों को यहां से उठाने की रणनीति के तहत लाठी चार्ज किया और उनका टेंट उखाड़ा।
अभी नहीं छोड़ी अतिथि अध्यापकों ने सीएम सिटी: सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा 18 मई को पूरे प्रदेश में जनवादी तरीके से गेस्ट टीचर्स पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन करेगा। संघ की प्रदेश उपाध्यक्ष सविता व जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंहमार ने रविवार शाम यह बात कही। देर शाम तक अतिथि अध्यापकों ने सीएम सिटी नहीं छोड़ी थी। कुछ अतिथि अध्यापक निर्मल कुटिया में डेरा जमाए हुए थे तो कुछ अतिथि अध्यापक मानव सेवा संघ सहित शहर की कई धर्मशालाओं में रुककर अपने साथियों की प्रतीक्षा करते हुए आगामी रणनीति पर मंथन कर रहे थे। वहीं दूसरी और पुलिस अतिथि अध्यापकों को लेकर चप्पे-चप्पे पर तैनात थी। 
साभार: अमर उजाला समाचार
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