हरियाणा राज्य अब बाल भिखारियों से मुक्त होगा।
इसके लिए राज्य अपराध शाखा ने मुहिम छेड़ी है। अपराध शाखा की पूरे राज्य
में स्थापित इकाइयों के माध्यम से गत एक अप्रैल से चलाए गए अभियान के तहत
लक्ष्य रखा गया है कि अगले छह महीने में हरियाणा में कोई भी बच्चा भीख
मांगने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए।
राज्य
अपराध शाखा की इकाइयां दस शहरों में सक्रिय हैं। इनमें पंचकूला, अंबाला,
कुरुक्षेत्र, जींद, करनाल, रोहतक, गुड़गांव, फरीदाबाद, हिसार और भिवानी
शामिल हैं। अभियान में अभी तक 256 बच्चों को भीख मांगने से रोककर उन्हें
बाल कल्याण समितियों के माध्यम से उनके अभिभावकों के संरक्षण में दिया जा
चुका है। इसके बाद अभियान को हरियाणा के दूसरे शहरों तथा कस्बों में आगे
बढ़ाया जाएगा। यदि ऐसा कोई भी बच्चा सड़कों पर भीख मांगता दिखाई देता है तो
अपराध शाखा के कर्मचारी उसे अपने संरक्षण में लेकर उसके माता-पिता तक
पहुंच जाते हैं। इसके बाद इस प्रकार के बच्चों और उनके अभिभावकों को
प्रत्येक जिले में स्थित बाल-कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाता है।
बाल-कल्याण समिति उन बच्चों के अभिभावकों को समझाती है। साथ
ही उनसे लिखित आश्वासन लिया जाता है कि वे दोबारा अपने बच्चों से भीख नहीं
मंगवाएंगे। आश्वासन के बाद ही बच्चों को उनके माता-पिता के संरक्षण में
दिया जाता है। बच्चे दोबारा भीख मंगवाते हुए मिले तो माता-पिता के विरुद्ध
बाल न्याय अधिनियम की धारा 26 के तहत कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया
जाएगा। साथ ही बच्चों को सरकारी संरक्षण में लेकर बाल-भवनों में भेज दिया
जाएगा। इस काम में बाल कल्याण अधिकारियों तथा गैर-सरकारी संस्थाओं की भरपूर
मदद ली जा रही है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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