हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों में लड़के व लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय
बनाए जाएंगे। जून माह तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा राज्य
सरकार स्वच्छता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करेगी। मुख्यमंत्री मनोहर
लाल ने नई दिल्ली में स्वच्छ भारत मिशन पर मुख्यमंत्रियों के उप समूह की
पहली
बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत घरेलू शौचालय
बनाने में सरकार ने 86 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। स्वच्छता को अधिक
प्रभावी बनाने के लिए पांच स्तरीय तालाब प्रणाली विकसित की जाएगी। ग्रामीण
क्षेत्रों में तरल कचरा प्रबंधन हेतु तीन स्तरीय तालाब प्रणाली 50 गांवों
में विकसित कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में
व्यक्तिगत शौचालयों के लिए 12,000 रुपये की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई
जाती है। शहरी क्षेत्र के लिए यह 4,000 रुपये है। यह दोनों राशियां कम से
कम मलिन बस्तियों, अर्ध-शहरी क्षेत्रों और उन क्षेत्रों में जहां सीवरेज
व्यवस्था नहीं है, एक समान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति
आंदोलन बनाने में धार्मिक गुरुओं की बड़ी भूमिका हो सकती है। मुख्यमंत्री
ने बेबाकी से कहा कि किसी भी मिशन की सफलता के लिए नौकरशाही सीमित सोच पर
चलते हुए कार्य करती है। हमें इस सोच को बदलने की भी जरूरत है। मुख्यमंत्री
ने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि करीब दो हजार सरकारी स्कूलों में
बच्चों को 9वीं कक्षा तक पढ़ना अनिवार्य है। इन दो हजार स्कूलों में एक भी
सफाई कर्मचारी नहीं है। हर स्कूल में हर दिन एक पीरियड सफाई का होता है।
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साभार: जागरण समाचार
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