Saturday, April 4, 2015

बदले नियम: बिना DL के नहीं होगा गाड़ी का रजिस्ट्रेशन

वाहन खरीदने के लिए जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य होने जा रहा है। परिवहन विभाग के नए सॉफ्टवेयर में वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन फार्म में डीएल नंबर अंकित करना अनिवार्य होगा। केंद्रीय आईटी टीम ने आरटीओ ऑफिस गाजियाबाद में इस साफ्टवेयर को चेक करने के बाद नया नियम लागू करने की तैयारी कर ली है। यूपी के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने भी इस पर सहमति दे दी है हालांकि वह इसमें थोड़े संशोधन की बात कर रहे हैं। दरअसल, वाहन खरीदने वालों को अब तक
आईडी-एड्रेस प्रूफ ही देने होते हैं। डीएल का होना जरूरी नहीं होता है। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com वाहन का पंजीकरण कराने के दौरान भी डीएल नहीं मांगा जाता, मगर जल्द ही वाहन खरीदने वाले के पास डीएल का होना अनिवार्य होगा। परिवहन विभाग मोटर व्हीकल का स्थान लेने वाले रोड सेफ्टी एक्ट में इसको लागू करने जा रहा है।
बिना रजिस्ट्रेशन सड़क पर निकाली गाड़ी तो होगी जब्त, जुर्माना: अब बिना रजिस्ट्रेशन के गाड़ी सड़क पर उतारना महंगा पड़ सकता है। ऐसा करने वालों को न सिर्फ 5,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा बल्कि उनकी गाड़ी दो महीने के लिए जब्त भी कर ली जाएगी। सरकार 1988 के मोटर वाहन कानून के स्थान पर नया कानून बनाने की तैयारी में है। इसमें मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों द्वारा वाहन चलाने पर भी जुर्माने की राशि में भारी बढ़ोतरी का प्रावधान है। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा तैयार सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक 2015 के मसौदे के मुताबिक बिना रजिस्ट्रेशन कराए यदि कोई मोटर वाहन सड़क पर निकालता है तो उसे 5,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा। अभी इस अपराध के लिए दो से पांच हजार रुपये तक का जुर्माना निर्धारित है लेकिन गाड़ी जब्त नहीं होती है। नए कानून के मसौदे में पहली बार अपराध करने पर 5,000 रुपये के जुर्माने के साथ-साथ दो महीने के लिए गाड़ी भी जब्त की जाएगी। यदि कोई दूसरी बार ऐसा अपराध करता है तो उसके ऊपर 10,000 रुपये का जुर्माना किया जाएगा और चार महीने के लिए गाड़ी जब्त कर ली जाएगी।
मसौदे में दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों के लिए अलग से प्रावधान किया गया है। इस श्रेणी के वाहन को बिना रजिस्ट्रेशन सड़क पर निकाला जाता है तो वाहन मालिक पर 1,500 रुपये का जुर्माना किया जाएगा एवं एक महीने के लिए गाड़ी जब्त कर ली जाएगी। दूसरी बार इस तरह का अपराध करने पर 3,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। दो महीने के लिए वाहन भी जब्त कर लिया जाएगा। मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति के लिए भी वाहन चलाने वालों के लिए भी इस मसौदे में भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अभी तक इस अपराध के लिए 200 रुपये का जुर्माना था जिसे बढ़ा कर 5,000 रुपये करने का प्रस्ताव है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सड़क पर वाहन चलाते समय त्वरित निर्णय लेना पड़ता है और इस तरह का निर्णय मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही ले सकता है। इस मसौदे को विभिन्न मंत्रालयों के पास भेजा गया है ताकि उनकी प्रतिक्रिया भी मिल सके। इसके बाद इसे मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। 
इस वजह से डीएल हुआ अनिवार्य: वाहनों का पंजीकरण कई बार फर्जी पहचान और पते पर हो जाता है। आईडी और एड्रेस में फर्जीवाड़ा कर सैकड़ों वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामले देशभर में मिले हैं। ऐसे में डीएल को अनिवार्य करने से एक ओर जहां एक और आईडी लागू हो जाएगी, वहीं बिना डीएल वाहन संचालन और अप्रशिक्षित चालकों से होने वाले सड़क हादसों में भी कमी आएगी। 
साभार: अमर उजाला समाचार
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