प्रदेश में नेशनल ओपन स्कूल ने 7 अप्रैल से दसवीं व बारहवीं कक्षा की
परीक्षाएं शुरू तो कर दी हैं, लेकिन इन परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए कोई
ठोस कदम नहीं उठाया गया है। नकल रोकने का जिम्मा हरियाणा विद्यालय शिक्षा
बोर्ड के कंधों पर डाल तो दिया गया पर इस कार्य के लिए शिक्षा बोर्ड के पास
भी स्टाफ उपलब्ध नहीं है। इस प्रदेश के करीब साढ़े चार लाख
‘मुन्नाभाइयों’
को नकल करने से रोकने वाला अब कोई नहीं है। 1 नेशनल ओपन स्कूल बोर्ड ने
हरियाणा के 17 जिलों में 110 परीक्षा केंद्र बनाए हैं। बोर्ड के अधिकारियों
ने नकल रोकने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन टीसी
गुप्ता को एक पत्र प्रेषित कर उड़नदस्ते गठित करने की अपील की है। लेकिन
हरियाणा शिक्षा बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में हरियाणा ओपन
स्कूल की परीक्षाएं चल रही हैं और फिलहाल उनके पास इतना स्टाफ नहीं है कि
नेशनल ओपन स्कूल की परीक्षाओं के लिए उड़नदस्ते गठित किए जा सकें।
परीक्षाएं 7 अप्रैल से शुरू हो चुकी हैं, जबकि शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने
प्रदेश के डीईओ को पत्र 9 अप्रैल को लिखकर उड़नदस्ते तैनात करने की हिदायत
दी है। ये परीक्षाएं 9 मई तक चलेंगी। प्रदेश में हरियाणा विद्यालय शिक्षा
बोर्ड की परीक्षाओं में नकल रोकने को व्यापक प्रबंध किए जाते हैं। लेकिन
नेशनल ओपन स्कूल की ओर से कोई प्रबंध नहीं किया गया है। शिक्षा बोर्ड के
चेयरमैन को एक पत्र भेजकर इतिश्री कर ली गई। शिक्षा बोर्ड के सचिव पंकज
कुमार ने बताया कि हरियाणा ओपन स्कूल की परीक्षाएं भी चल रही हैं। इससे
बोर्ड स्टाफ व्यस्त हैं। उन्होंने सभी डीईओ को पत्र लिखा है कि वे नेशनल
ओपन स्कूल की परीक्षाओं के दौरान उड़नदस्ते तैनात करें।
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साभार: जागरण समाचार
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