सीएम विंडो पर शिकायत करने वाले को पहचान का कोई दस्तावेज भी पेश करना होगा।
ऐसा न करने पर शिकायत दर्ज नहीं होगी। सरकार ने यह कदम सीएम विंडो पर
बेवजह और झूठी शिकायतों को रोकने के लिए उठाया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल
ने सभी जिलों में दिसंबर में सीएम विंडो की शुरुआत की। इसका मकसद यह था कि
लोगों को अपनी परेशानी को लेकर बेवजह चंडीगढ़ का चक्कर न
काटना पड़े और वह
अपने गृह जिले से ही सीधे मुख्यमंत्री को शिकायत भेज सकें, लेकिन इस सुविधा का लोगों
ने दुरुपयोग करना भी शुरू कर दिया। कई बार लोग अधिकारियों को परेशान करने
के लिए झूठी शिकायत कर देते हैं। रंजिशन शिकायतें भी की जा रही हैं। कुछ
ऐसी भी शिकायतें की गई हैं, जिनका इस विंडो से कोई वास्ता नहीं है। ऐसी
शिकायतों को रोकने के लिए अब सरकार ने शिकायत करने वाले व्यक्ति की पहचान
का दस्तावेज भी लेने के आदेश दिए हैं।
बेवजह और झूठी शिकायतों को रोकने के
लिए उठाया कदमसी: सीएम विंडो पर शिकायत करने वाले व्यक्ति को मतदाता पहचान
पत्र, आधार कार्ड, ड्राइ¨वग लाइसेंस, वाहन रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, पैन
कार्ड, राशन कार्ड, जमीन की रजिस्ट्री की प्रति, रिहायशी प्रमाण पत्र आदि
किसी एक दस्तावेज की प्रति देनी होगी। शिकायत के साथ इन दस्तावेज में से
किसी भी एक की प्रति नहीं मिली तो फिर ऐसी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं
होगी।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार
For getting Job-alerts and Education
News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.