दसवीं कक्षा की कापी मूल्यांकन के लिए आठवीं कक्षा के स्कूलों में पढ़ाने
वाले शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का मामला सामने आया है। शिक्षकों द्वारा
बिना सिलेबस की जानकारी के ही कापी जांच की गई। इससे हजारों विद्यार्थियों
के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया और उनकी शैक्षणिक योग्यता की सही
मूल्यांकन नहीं किया गया। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा 4 मार्च
से 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं की घोषणा की गई थी। जिले में 10वीं व 12वीं
की परीक्षाओं के लिए 84 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे जिसमें 44 उपमंडल सिरसा
में,
21 उपमंडल ऐलनाबाद में तथा 19 उपमंडल डबवाली में परीक्षा केंद्र शामिल
हैं। दसवीं कक्षा में करीब 20 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। बोर्ड
द्वारा कापी का मूल्यांकन 1 अप्रैल से किया गया था। बताया जा रहा है कि
मूल्यांकन कार्य के सभी मास्टर कैडर के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी।
इसमें कुछ ऐसे शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई थी जो मिडिल स्कूल में पढ़ा
रहे हैं और उनको दसवीं कक्षा के सिलेबस की भी जानकारी नहीं है।
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साभार: जागरण समाचार
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