मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हरियाणा के लिए अलग
से उच्च न्यायालय मांगा है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की वर्तमान पीठ
में भी हरियाणा बराबर का प्रतिनिधित्व चाहता है। 40 प्रतिशत प्रतिनिधित्व
पर मुख्यमंत्री राजी नहीं हैं। उन्होंने केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री राव
इंद्रजीत सिंह की दक्षिणी हरियाणा में हाईकोर्ट की अलग पीठ स्थापित करने की
मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उचित स्थान पर इसकी स्थापना होनी
चाहिए। न्यायिक आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए 541 करोड़ रुपये की
केंद्रीय सहायता भी दी जाए। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली में
मुख्यमंत्रियों व उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन
में ये मांगें उठाई। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने उच्च न्यायालय में
जजों की संख्या 68 से बढ़ाकर 85 करने की स्वीकृति पहले ही दे दी है।
हरियाणा के लिए अलग हाईकोर्ट वर्तमान पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय
परिसर में स्थापित किया जा सकता है, जिस तरह हरियाणा विधानसभा और सिविल
सचिवालय अलग-अलग हैं। उच्च न्यायालय की पीठों में हरियाणा को उचित
प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। हाईकोर्ट में 60:40 का अनुपात भेदभावपूर्ण
है।
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साभार: जागरण समाचार
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