सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बनने
वाला मिड-डे-मील भोजन केवल गैस सिलेंडरों पर ही पकेगा। किसी अन्य संसाधन पर
इसे नहीं बनाया जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ मौलिक शिक्षा विभाग
कार्रवाई भी करेगा। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी कर स्पष्ट किया
है कि मिड-डे-मील को केवल गैस सिलेंडरों पर ही बनाया जाए ताकि इसकी
गुणवत्ता बेहतर रह सके। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com काबिल-ए-जिक्र है, कि
सरकारी स्कूलों में मिलने
वाली मिड-डे-मील के निर्माण को लेकर अकसर सवाल उठते रहते हैं। ग्रामीण
क्षेत्र में कई स्कूलों में गैस सिलेंडरों की बजाय उपले, लकड़ी के जरिये
चूल्हों पर मिड-डे-मील पकाने का काम किया जाता है। जींद जिले में भी इस
प्रकार के मामले में सामने आ चुके हैं, जहां लड़की व उपलों के जरिये
चूल्हों पर मिड-डे-मील का निर्माण किया गया था, लेकिन मामला संज्ञान में
आने के बाद शिक्षकों व संबंधित स्टाफ को चेतावनी दे दी गई थी। इस प्रकार की
शिकायतें दोबारा न आए, इसके लिए मौलिक शिक्षा निदेशालय ने कड़ा संज्ञान
देते हुए प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र क्रमांक
1/30-2013 एमडीएम (1) जारी कर निर्देश दिए हैं कि मिड-डे-मील का खाना सिर्फ
गैस सिलेंडरों पर ही बनाया जाएगा। इसके लिए किसी प्रकार के अन्य संसाधन का
प्रयोग मिड-डे-मील बनाने के लिए नहीं किया जाएगा। जहां भी ऐसा किया जा रहा
है, वह इस योजना के नियमों के विरुद्ध है और ऐसा करने पर विभाग कार्रवाई
भी कर
सकता है।
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साभार: जागरण समाचार
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